शर्मनाक: संकट के समय भी सरकारी तंत्र नहीं रोक पा रहा रेमेडिसिवर इंजेक्‍शन की तस्‍करी, अब नोएडा से खेप बरामद

स्‍टाक करके फार्मेसिस्‍ट बहुत ऊंचे दामों पर बेच रहा था रेमेडिसिवर इंजेक्‍शन

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। एक ओर यूपी में कोरोना से लगातार मौतें हो रही हैं। जीवन रक्षक आक्‍सीजन गैस और कोरोना की दवाई रे‍मेडिसिविर का इंजेक्‍शन मरीजों को मिल नहीं पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यूपी में ही रेमेडिसिविर इंजेक्‍शन की कालाबाजारी भी शुरू हो गयी है। हाल ही में नोएडा में पुलिस ने कालाबाजारी करते हुए एक फार्मेसिस्‍ट को गिरफ़्तार कर लिया है। इससे पहले कानपुर मे भी बड़ी संख्‍या में रेमेडिसिविर के इंजेक्‍शन तस्‍करी कर लाए जाते पकड़ गए थे। मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रखकर लोग रूपयों के लिए कुछ भी कर रहे हैं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच बाजार में रेमडेसिविर दवाई की मांग जबरदस्त बढ़ गई है. इस बीच रेमडेसिविर दवाई की कालाबाजारी होने की भी कई खबरें सामने आ रही हैं।

दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। नोएडा पुलिस ने मंगलवार को रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए व्यक्ति से सैकड़ो की संख्या में रेमडेसिविर बरामद की गई है। फिलहाल नोएडा थाना सेक्टर-20 की पुलिस हिरासत में लिए व्यक्ति से पूछताछ कर रही है। इससे पहले हरियाणा के पंचकूला से रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते हुए क्राइम ब्रांच ने एक फार्मासिस्ट को गिरफ्तार किया।

आरोपी के पास रेमडेसिविर के 18 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. पंचकूला के डीसीपी मोहित हांडा ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए एक फार्मासिस्ट को गिरफ्तार किया गया है। फार्मासिस्ट को क्राइम ब्रांच ने पंचकूला के सेक्टर-11 से गिरफ्तार किया है।

पकड़े गए फार्मासिस्ट की पहचान शिव कुमार के रूप में हुई है। शिव कुमार झज्जर का रहने वाला है और हाल ही में पंजाब के मुबारकपुर में शिफ्ट हुआ है। ऐसे पकड़ में आया फार्मासिस्ट जानकारी के मुताबिक, क्राइम ब्रांच सेक्टर-26 के इंचार्ज अमन कुमार और उनकी टीम के साथ पंचकूला ड्रग्स नियंत्रण अधिकारी को गुप्त सूचना मिली थी कि एक फार्मासिस्ट अवैध रूप से कोरोना की दवाई तय कीमत से बहुत ऊंचे दामों में बेच रहा है। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली ग्राहक तैयार करके रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए उसको कॉल किया था।

फोन पर आरोपी फार्मासिस्ट शिव कुमार ने एक इंजेक्शन की कीमत 13,000 रुपये बताई। जिसके बाद नकली ग्राहक बना क्राइम ब्रांच का सदस्य इंजेक्शन खरीदने के लिए चला गया और उसे धर लिया गया। मौके पर ही आरोपी के पास से रेमडेसिविर के 18 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं।

वहीं मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अभी तक जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की ही कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ था लेकिन अब दवा दुकानों से ऐसी अन्य दवाइयां भी गायब हो रही हैं जो कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध कोरोना मरीजों के काम आती हैं। दरअसल, मध्यप्रदेश में करीब 52 हजार से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में हैं जिन्हें प्रशासन की तरफ से कोरोना मेडिकल किट दी जा रही है।