11 स्कूलों में प्रबंध समिति के चयन को लेकर जीटीए के खिलाफ कोर्ट जाएगी हमरो पार्टी
जीटीए के सदस्य एडवर्डस ने दावा किया कि 11 स्कूलों में दार्जिलिंग में नौ और कलिम्पोंग में दो, केवल उन लोगों को जगह प्रदान की गई है जो भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) के करीबी हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन स्कूल प्रबंध समितियों के चयन के दौरान जीटीए में विपक्षी सदस्यों पर एक बार भी चर्चा नहीं की गई।
एडवर्डस शुक्रवार को मीडिया को बताया, स्कूल प्रबंध समितियों को एक उचित चुनाव के माध्यम से नियुक्त किया जाना चाहिए था। साथ ही संबंधित स्कूलों के शिक्षकों को उक्त प्रबंध समितियों में शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा करने के बजाय, जीटीए अधिकारियों ने राज्य सरकार की सहायता से ऐसी समितियों में अपने विश्वासपात्र लगा रखे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि समितियों के कामकाज के तरीके पर कोई उचित निगरानी न हो। हमने स्कूल प्रबंधन समितियों के इस तरह के निरंकुश चयन के खिलाफ अदालत जाने का फैसला किया है।
हालांकि, बीजीपीएम के संस्थापक और जीटीए के प्रमुख अनित थापा ने आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि इस गिनती पर निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करते हुए प्रबंध समिति के चयन किए गए थे।
उन्होंने कहा, अगर कोई कीचड़ भरे पानी में मछली पकड़ना चाहता है, तो मुझे कुछ नहीं कहना है।
जबकि बीजीपीएम की पहाड़ियों में तृणमूल कांग्रेस के साथ समझौता है। दार्जिलिंग में हमरो पार्टी, बिमल गुरुंग के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस के नेता बिनॉय तमांग को शामिल करते हुए एक राजनीतिक तिकड़ी विकसित हुई है।
हाल ही में, गुरुंग और तमांग दोनों ने कांग्रेस की ओर झुकाव का संकेत दिया है, खासकर कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद।
हालांकि, हमरो पार्टी ने अभी तक इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
--आईएएनएस
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