हिमालय दिवस पर पूर्व शिक्षामंत्री डॉ. निशंक की पुस्तक हिमनद : मानव जीवन का आधार का लोकार्पण

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। हिमालय के संरक्षण और बचाव के लिए 10 वर्ष पहले शुरू की गई मुहिम हिमालय दिवस हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मनाया जा रहा है। इसी के तहत इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के हिमालय अध्ययन केंद्र, हेस्को संस्था, देहरादून एवं देहरादून हिमालयीय विश्वविद्यालय द्वारा एक राष्ट्रीय सम्मेलन बियॉन्ड हिमालय आयोजित किया गया।
 | 
हिमालय दिवस पर पूर्व शिक्षामंत्री डॉ. निशंक की पुस्तक हिमनद : मानव जीवन का आधार का लोकार्पण नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। हिमालय के संरक्षण और बचाव के लिए 10 वर्ष पहले शुरू की गई मुहिम हिमालय दिवस हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मनाया जा रहा है। इसी के तहत इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के हिमालय अध्ययन केंद्र, हेस्को संस्था, देहरादून एवं देहरादून हिमालयीय विश्वविद्यालय द्वारा एक राष्ट्रीय सम्मेलन बियॉन्ड हिमालय आयोजित किया गया।

इस अवसर पर हिमालयी सरोकारों से सदैव जुड़े रहे लेखक और विचारक पूर्व शिक्षामंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्तक हिमनद : मानव जीवन का आधार पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। क्रिस्टलीय बर्फ की चट्टान, तलछट एवं जल से निर्मित ऐसा क्षेत्र, जहां पर वर्ष के अधिकांश समय बर्फ जमी होती है, को हिमनद कहा जाता है और ये हिमनद जलवायु परिवर्तन के संवेदनशील संकेतक होते हैं। इनका पर्यावरण में महत्वपूर्ण योगदान है।

डॉ. निशंक ने कहा, हिमालय को समझना पड़ेगा, हिमालय के बगैर भारतीय उपमहाद्वीप की कल्पना करना संभव नहीं है। हिमालय का समाजशास्त्रीय और वैज्ञानिक दोनों रूपों में अध्ययन की आवश्यकता है। ये भारत का मुकुट और प्रहरी है। अगर हिमनद बचे रहे तो हमारा अस्तित्व भी बचा रहेगा।

उन्होंने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि हिमनद पर उनकी पुस्तक को नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रकाशित किया है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री डॉ. जितेंद्र प्रसाद, रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के अलावा पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के साथ हिमालयीय विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रति-कुलपति डॉ. राजेश नैथानी और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.सी. जोशी के अलावा कई गणमान्य लोग विडियो कॉन्फ्रें सिंग के माध्यम से और प्रत्यक्ष रूप से मौजूद रहे।

पर्यावरण में हो रहा बदलाव सभी वक्ताओं के चिंतन का विषय रहा। पुस्तक हिमनद : मानव जीवन का आधार के बारे में डॉ. राजेश नैथानी ने कहा कि हिमालय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विश्व की आधी से अधिक मानवता जुड़ी है। मानवीय अस्तित्व का आधार हिमालय ही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हिमालय पर देश में विभिन्न प्रकार के शोध किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने की बात भी कही और हिमालय दिवस की शुरुआत करने पर डॉ. अनिल जोशी व डॉ. निशंक की बधाई दी।

किरण रिजिजू ने कहा, हिमालय मानव के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। हिमालय के संरक्षण की हम सबको चिंता करनी पड़ेगी।

हेस्को संस्था, देहरादून के संरक्षक पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि पूरी दुनिया हिमालय की चिंता कर रही है, जो सराहनीय है। वहीं, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने हिमालय के योगदान की चर्चा करते हुए हिमालय के पर्यावरण की रक्षा पर बल दिया।

--आईएएनएस

एसजीके/आरजेएस