लद्दाख में मौजूदा हालात बने रहने से भारत-चीन रिश्तों पर हो रहा नकारात्मक असर : जयशंकर

नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को अपने चीनी समकक्ष से कहा कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा हालात के लंबे समय तक बने रहने से दोनों देशों के संबंध नकारात्मक तरीके से प्रभावित हो रहे हैं।
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लद्दाख में मौजूदा हालात बने रहने से भारत-चीन रिश्तों पर हो रहा नकारात्मक असर : जयशंकर नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को अपने चीनी समकक्ष से कहा कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा हालात के लंबे समय तक बने रहने से दोनों देशों के संबंध नकारात्मक तरीके से प्रभावित हो रहे हैं।

जयशंकर ने ताजिकिस्तान के दुशांबे में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।

सितंबर 2020 में मॉस्को में अपनी पिछली बैठक को याद करते हुए, विदेशमंत्री ने उस समय हुए समझौते का पालन करने और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की प्रक्रिया को पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, विदेश मंत्री ने स्टेट काउंसलर को बताया कि इस साल की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में सफल विघटन ने शेष मुद्दों को हल करने के लिए स्थितियां पैदा की थीं। उम्मीद थी कि चीनी पक्ष इस उद्देश्य के लिए हमारे साथ काम करेगा। विदेश मंत्री ने नोट किया कि शेष क्षेत्रों में स्थिति अभी भी अनसुलझी है।

जयशंकर ने याद किया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि मौजूदा स्थिति को लंबा खींचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह रिश्ते को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।

भारत ने जोर देकर कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना 1988 से संबंधों के विकास की नींव रहा है। जयशंकर ने कहा कि पिछले साल यथास्थिति को बदलने के प्रयासों ने 1993 और 1996 के समझौतों के तहत प्रतिबद्धताओं की अवहेलना की, जिसने अनिवार्य रूप से संबंधों को प्रभावित किया है।

बयान में कहा गया है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पारस्परिक हित में दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के जल्द समाधान की दिशा में काम करते हैं। साथ ही, द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हैं।

दोनों मंत्रियों ने 25 जून, 2021 को डब्ल्यूएमसीसी की पिछली बैठक में दोनों पक्षों के बीच वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की समझौता बैठक के एक और दौर का उल्लेख किया। वे इस बात पर सहमत हुए कि बैठक जल्द से जल्द बुलाई जानी चाहिए।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम