रोजगार और वैश्विक दृष्टिकोण से जुड़ेगा भारतीय उच्च शिक्षा आयोग

नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि भारतीय ज्ञान प्रणाली और भाषा में बुनियाद मजबूत करते हुये भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) को रोजगार योग्यता, रोजगार सृजन और वैश्विक ²ष्टिकोण सुनिश्चित करना चाहिए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारतीय उच्च शिक्षा आयोग द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।
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रोजगार और वैश्विक दृष्टिकोण से जुड़ेगा भारतीय उच्च शिक्षा आयोग नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि भारतीय ज्ञान प्रणाली और भाषा में बुनियाद मजबूत करते हुये भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) को रोजगार योग्यता, रोजगार सृजन और वैश्विक ²ष्टिकोण सुनिश्चित करना चाहिए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारतीय उच्च शिक्षा आयोग द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक के दौरान प्रधान ने कहा कि एचईसीआई को रोजगार योग्यता, रोजगार सृजन और वैश्विक ²ष्टिकोण सुनिश्चित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि आयोग को वैश्विक अकादमिक मानकों को सुनिश्चित करना चाहिये और उच्च शिक्षा संस्थानों को अधिक अकादमिक स्वायत्तता देनी चाहिये। प्रधान ने आगे कहा कि एनईपी-2020 की यह महžवपूर्ण सिफारिश देश की शिक्षा प्रणाली को उपनिवेशवादी तžवों से मुक्त करने की दिशा में उठाये गये अनेक कदमों में से एक है।

इस दौरान प्रस्ताव किया गया कि एचईसीआई को देश के सभी शिक्षा संस्थानों के मार्गदर्शन के लिये एक प्रकाश स्तंभ के रूप में विकसित किया जा सकता है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री कह चुके हैं कि हमें अपनी सभ्यतागत संपदा का उपयोग करना होगा। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप हमारी शिक्षा प्रणाली को अधिक समग्र, सहानुभूतिपूर्ण और वैश्विक कल्याण के लिए बनाने को लेकर हमारी भारतीय ज्ञान प्रणाली में अपार क्षमता है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक 21वीं शताब्दी ज्ञान की सदी है, अगर हम भारत को ज्ञान आधारित आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना चाहते हैं तो हमें अपने शिक्षा परि²श्य में एक आदर्श बदलाव सुनिश्चित करना चाहिए। शिक्षा मंत्री का मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 हमारी शिक्षा और कौशल के परि²श्य को रूपांतरित करने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है।

गौरतलब है कि 2 दिन पहले ही भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद भी कह चुके हैं कि शैक्षिक संस्थान केवल सीखने के स्थान भर नहीं हैं, यह वह स्थान है जो हम में से प्रत्येक में आंतरिक और कभी-कभी छुपी हुई प्रतिभा को निखारता है। वह 8 मई को आईआईएम नागपुर के परिसर के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। राष्ट्रपति ने कहा कि पाठ्यक्रम हमें आत्मनिरीक्षण करने, अपने उद्देश्य, महत्वाकांक्षा और अपने सपनों को पूरा करने का अवसर देता है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एसकेपी