यूपी के साहूकारों पर पहली बार गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज

शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 10 सितम्बर (आईएएनएस)। इस साल जून में एक परिवार को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दो साहूकारों और एक बिचौलिए के खिलाफ अब यहां गैंगस्टर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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यूपी के साहूकारों पर पहली बार गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 10 सितम्बर (आईएएनएस)। इस साल जून में एक परिवार को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दो साहूकारों और एक बिचौलिए के खिलाफ अब यहां गैंगस्टर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

शाहजहांपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एस. आनंद ने कहा, यह एक संगठित अपराध था। एक से अधिक व्यक्ति संगठित तरीके से कोई भी अपराध गैंगस्टर अधिनियम के आरोपों को आकर्षित कर सकते हैं। हम एक कड़ा संदेश देना चाहते हैं।

उन्होंने आगे कहा, हमने आरोपों की जांच की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने जमानत लेने की कोशिश की लेकिन हमने अदालत में मामले को आगे बढ़ाया। यह पहली बार है जब शाहजहांपुर में साहूकारों के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम लागू किया गया है। हम शिकारी ऋणदाताओं के खिलाफ शिकायतों को गंभीरता से ले रहे हैं।

42 वर्षीय अखिलेश गुप्ता का परिवार दवाओं का थोक आपूर्तिकर्ता था, उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें ऋणदाताओं को फंसाया गया था।

अखिलेश, उनकी पत्नी और 12 और 9 साल के दो बच्चे 7 जून को फांसी पर लटके पाए गए थे।

अखिलेश ने 12 लाख रुपये का कर्ज लिया था लेकिन ब्याज दो साल में 37 लाख रुपये तक पहुंच गया।

एक बिचौलिए अविनाश बाजपेयी ने उन्हें दो ऋणदाताओं सुशील कुमार गुप्ता और मिथिलेश कुमार से 15 प्रतिशत मासिक ब्याज पर 12 लाख रुपये का ऋण दिलाने में मदद की।

कर्ज न चुका पाने के कारण अखिलेश ने लगभग 50 लाख रुपये मूल्य का अपना घर अविनाश को बेच दिया और वहां किराएदार के तौर पर रहने लगा।

कुछ महीने बाद, अविनाश ने उसे घर खाली करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा और अविनाश और उसके परिवार ने आखिरकार अपना जीवन समाप्त कर दिया।

उधारदाताओं और बिचौलिए को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

अखिलेश के चचेरे भाई शालू गुप्ता ने कहा कि आरोप उचित है क्योंकि उन्होंने अविनाश के जीवन को दयनीय बना दिया। हमें खुशी है कि पुलिस ने उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

--आईएएनएस

एसएस/आरजेएस