तीर्थ शहरों को टीकाकरण में मिलेगी प्राथमिकता: तमिलनाडु के मंत्री

चेन्नई, 18 जुलाई (आईएएनएस)। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा है कि टीकाकरण में राज्य के तीर्थ शहरों के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए तिरुवन्नामलाई, नागोर, वेलनाकन्नी और रामेश्वरम शहरों के नाम सूची में शामिल है।
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तीर्थ शहरों को टीकाकरण में मिलेगी प्राथमिकता: तमिलनाडु के मंत्री चेन्नई, 18 जुलाई (आईएएनएस)। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा है कि टीकाकरण में राज्य के तीर्थ शहरों के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए तिरुवन्नामलाई, नागोर, वेलनाकन्नी और रामेश्वरम शहरों के नाम सूची में शामिल है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रविवार को चेन्नई के सेंट जेवियर्स स्कूल, सिदापेट में एक टीकाकरण शिविर का उद्घाटन करने के बाद भाषण दे रहे थे।

मंत्री ने कहा कि जुलाई अंत तक इन चारों तीर्थ नगरों का टीकाकरण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मा सुब्रमण्यम ने कहा कि चर्च के कर्मचारियों सहित ईसाई समुदाय को पूरी तरह से टीका लगाया जाएगा क्योंकि अन्य जिलों के कई लोग तीर्थ यात्रा पर चर्च आते हैं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने अन्नाद्रमुक सरकार पर निशाना साधा और कहा कि तत्कालीन सरकार ने राज्य में न्यूमोकोकल वैक्सीन लॉन्च करने के लिए कोई पहल नहीं की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दो साल पहले राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इस वैक्सीन को पेश किया था लेकिन अन्नाद्रमुक सरकार ने इसे राज्य में लॉन्च करने के लिए कोई पहल नहीं की।

मंत्री ने कहा कि ये टीके बच्चों में निमोनिया और दिमागी बुखार को रोकते हैं और विशेषज्ञों ने कहा है कि इन टीकों की तीन खुराक बच्चों को इन बीमारियों से बचाव के लिए दी जानी चाहिए।

मा सुब्रमण्यम ने कहा कि तमिलनाडु की द्रमुक सरकार ने अब न्यूमोकोकल वैक्सीन के लिए अभियान शुरू किया है और यह अभियान राज्य की पूरी बाल चिकित्सा आबादी को कवर करेगा जो पांच साल से कम उम्र के हैं।

सुब्रमण्यम ने लोगों से सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले झूठे संदेशों से सावधान रहने का भी आवाहन किया और उनसे सरकार द्वारा बार-बार दी गई जानकारी पर भरोसा करने का आवाहन किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि तीसरी लहर आने पर राज्य पूरी तरह से तैयार है और कहा कि राज्य में 10,000 बेड की क्षमता है। घबराने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को प्रभावित करने वाली तीसरी लहर साबित नहीं हुई है और यह बात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों भी कह चुके है।

--आईएएनएस

एमएसबी/आरजेएस