कैबिनेट ने अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन अमृत 2.0 को मंजूरी दी

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को 2025-26 तक कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन 2.0 (अमृत 2.0) को मंजूरी दे दी। केंद्र ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है, जिसका उद्देश्य पानी की सकरुलर अर्थव्यवस्था के माध्यम से शहरों को जल सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है।
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कैबिनेट ने अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन अमृत 2.0 को मंजूरी दी नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को 2025-26 तक कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन 2.0 (अमृत 2.0) को मंजूरी दे दी। केंद्र ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है, जिसका उद्देश्य पानी की सकरुलर अर्थव्यवस्था के माध्यम से शहरों को जल सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है।

एक प्रेस बयान में कहा गया कि यह सभी घरों को कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करके, जल स्रोत संरक्षण/वृद्धि, जल निकायों और कुओं का कायाकल्प, उपचारित उपयोग किए गए पानी के पुनर्चक्रण/पुन: उपयोग और वर्षा जल संचयन द्वारा प्राप्त किया जाएगा।

कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) 500 शहरों में नागरिकों को नल कनेक्शन और सीवर कनेक्शन प्रदान करके जीवन को आसान बनाने के लिए शुरू किया गया था। अब तक 1.1 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन और 85 लाख सीवर/सेप्टेज कनेक्शन दिए जा चुके हैं। 6,000 एमएलडी सीवेज उपचार क्षमता विकसित की जा रही है, जिसमें से 1,210 एमएलडी क्षमता पहले से ही बनाई जा चुकी है, जिसमें 907 एमएलडी उपचारित सीवेज के पुन: उपयोग का प्रावधान है।

अमृत 2.0, सभी 4,378 वैधानिक कस्बों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करके पानी की आपूर्ति के सार्वभौमिक कवरेज को लक्षित करता है। 500 अमृत शहरों में घरेलू सीवरेज, सेप्टेज प्रबंधन का 100 प्रतिशत कवरेज अन्य उद्देश्य है। इसका उद्देश्य अपेक्षित परिणामों को प्राप्त करने के लिए 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करना है।

मिशन को कागज रहित बनाने के लिए एक मजबूत प्रौद्योगिकी आधारित पोर्टल पर निगरानी की जाएगी। शहर जल संतुलन योजना के माध्यम से अपने जल स्रोतों, खपत, भविष्य की आवश्यकता और पानी के नुकसान का आकलन करेंगे और एक शहर जल कार्य योजना तैयार की जाएगी, जिसे राज्य जल कार्य योजना के रूप में तैयार किया जाएगा और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।

अमृत 2.0 (यू) की प्रमुख विशेषताओं में पेय जल सर्वेक्षण शामिल है जो शहरी जल सेवाओं के बेंचमार्किं ग के लिए शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करेगा। यह सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 10 प्रतिशत मूल्य की परियोजनाओं के कार्यान्वयन को अनिवार्य करके बाजार वित्त जुटाने को भी प्रोत्साहित करेगा।

--आईएएनएस

एसकेके/आरजेएस