करनाल बार एसोसिएशन ने किसानों के आंदोलन को दिया समर्थन

करनाल, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय में चल रहे किसान आंदोलन के शुक्रवार को चौथे दिन में प्रवेश करने के साथ, करनाल बार एसोसिएशन ने विरोध को समर्थन दिया। आंदोलन कर रहे किसानों की मांग का प्रतिध्वनित करते हुए एसोसिएशन ने अधिकारी आयुष सिन्हा को तत्काल हटाने की भी मांग की है।
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करनाल बार एसोसिएशन ने किसानों के आंदोलन को दिया समर्थन करनाल, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय में चल रहे किसान आंदोलन के शुक्रवार को चौथे दिन में प्रवेश करने के साथ, करनाल बार एसोसिएशन ने विरोध को समर्थन दिया। आंदोलन कर रहे किसानों की मांग का प्रतिध्वनित करते हुए एसोसिएशन ने अधिकारी आयुष सिन्हा को तत्काल हटाने की भी मांग की है।

करनाल बार एसोसिएशन के सदस्य परमजीत सिंह ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। आयुष सिन्हा ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है और हम उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि हम यहां पूरे दिल से किसानों के विरोध का समर्थन करने आए हैं।

अधिवक्ता सुरजीत मधाना ने कहा कि हमने किसान आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है। 28 अगस्त को टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हमारे दो सदस्यों को पुलिस ने बुरी तरह पीटा था। इस क्रूर कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाते हुए, करनाल बार एसोसिएशन ने अदालत में दो दिन के काम के निलंबन की मांग की है। हम मांग करते हैं सरकार अधिकारी को तुरंत बर्खास्त करे और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।

सुरजीत करनाल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव हैं।

एडवोकेट रणवीर सिंह मल्लिक ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच चल रही खींचतान का कुछ नतीजा नहीं निकलेगा। एक लोकतांत्रिक देश में सिर्फ बातचीत ही हमें किसी नतीजे पर पहुंचा सकती है। एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में सरकार इतनी कठोर नहीं हो सकती। हमारे किसान करीब एक साल से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को एक कदम आगे बढ़ाते हुए किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए।

इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने करनाल में इंटरनेट की सुविधा बहाल कर दी है।

हालांकि, विरोध स्थल पर एक किसान जरनैल सिंह ने कहा कि इंटरनेट की बहाली पर्याप्त नहीं है, हम यहां आयुष सिन्हा को बर्खास्त करने और घटना में मारे गए किसान के परिवार को मुआवजा देने की अपनी वास्तविक मांग के लिए लड़ रहे हैं।

--आईएएनएस

एमएसबी/आरजेएस