अवैध शराब के खिलाफ जंग में मफियाओं पर कहर बनकर टूटी यूपी सरकार
मुख्यमंत्री योगी ने जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर रोक लगाने के लिए देश में पहली बार आबकारी अधिनियम में संशोधन कर फांसी की सजा तक का प्रावधान किया है। प्रदेश में शराब माफिया का सिंडिकेट तोड़ने के लिए यूपी पुलिस और आबकारी विभाग संयुक्त अभियान चला रहा है। पुलिस विभाग के जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक 162 शराब माफिया पर गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है और 196 आरोपियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। इसके अलावा दो शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए हैं और 154 आरोपियों को जेल भेजा गया है।
आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी के अनुसार 26 अगस्त से छह सितम्बर तक चलाए गए विशेष प्रवर्तन अभियान में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री, तस्करी की रोकथाम के लिए लगातार दबिश और चेकिंग की जा रही है। पांच सितम्बर तक प्रदेश में 2807 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें 73,660 लीटर अवैध शराब बरामद की गई है और शराब बनाने के लिए तैयार किए गए 2,70,990 किलो लहन को नष्ट किया गया है। अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त 1051 आरोपियों को गिरफ्तार कर कर 29 वाहन जब्त किए गए हैं।
अलीगढ़ जिले में शराब माफिया से 70 करोड़ 71 लाख से अधिक की सम्पत्ति जब्त की गई है और एक करोड़ 59 लाख रुपए से अधिक की सम्पत्ति को जब्त करने की कार्यवाही चल रही है। मई में जहरीली शराब के मामले में 87 आरोपियों को जेल भेजा गया है और नौ मुकदमों में 73 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। साथ ही 80 शराब तस्करों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 74 अभियुक्तों के खिलाफ नौ गैंग पंजीकृत किए गए हैं।
--आईएएनएस
विकेटी/आरजेएस