भारत के सॉफ्टवेयर बाजार में बिक्री 2021 के अंत तक 7.6 अरब डॉलर तक पहुंचेगी

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (आईडीसी) की एक नई रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया कि भारत के सॉफ्टवेयर बाजार में बिक्री 2021 के अंत तक 7.6 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
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भारत के सॉफ्टवेयर बाजार में बिक्री 2021 के अंत तक 7.6 अरब डॉलर तक पहुंचेगी नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (आईडीसी) की एक नई रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया कि भारत के सॉफ्टवेयर बाजार में बिक्री 2021 के अंत तक 7.6 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

भारत का सॉफ्टवेयर बाजार 2020 में 7 अरब डॉलर आंका गया था, जो 2019 की तुलना में 13.4 प्रतिशत साल-दर-साल की वृद्धि दर्ज करता है।

2020 में समग्र एशिया/प्रशांत (जापान और चीन को छोड़कर) (एपीईजेसी) क्षेत्र के सॉफ्टवेयर बाजार में भारत की हिस्सेदारी 17.5 प्रतिशत थी।

माइक्रोसॉफ्ट, ओरैकल और सैप ने उस वर्ष के दौरान भारतीय बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखी।

आईडीसी इंडिया में सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं की वरिष्ठ शोध प्रबंधक श्वेता बैद्य ने कहा, हालांकि भारत के सॉफ्टवेयर बाजार के समग्र विकास पर महामारी का मामूली प्रभाव पड़ा, लेकिन इसने कुछ सॉफ्टवेयर सेगमेंट में मजबूत विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम किया, क्योंकि उद्यमों ने अपनी आईटी रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन किया और डिजिटल बिजनेस मॉडल की ओर बढ़ने के लिए ठोस कदम उठाए।

आईडीसी का अनुमान है कि भारत का समग्र सॉफ्टवेयर बाजार 2020 से 2025 तक 11.6 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने की संभावना है।

श्वेता ने कहा, डिजिटल रूप से परिपक्व उद्यम संकट के माध्यम से आसानी से नेविगेट करने और व्यापार निरंतरता और परिचालन लचीलापन बनाए रखने में सक्षम थे। हालांकि, पारंपरिक व्यापार मॉडल वाले उद्यमों ने प्रासंगिक और सुसंगत रहने के लिए क्लाउड और डिजिटल का लाभ उठाने के लिए नई रणनीति तैयार की।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय उद्यम प्रौद्योगिकियों में निवेश करना जारी रखेगा, जो उन्हें परिचालन दक्षता और कर्मचारी उत्पादकता में सुधार के लिए नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करेगा और बदले में व्यापार की गति को बनाए रखेगा।

आईडीसी को उम्मीद है कि प्लेटफॉर्म-ऐज-ए-सर्विस (पास) और सॉफ्टवेयर-ऐज-ए-सर्विस (सास) बाजारों का समग्र सॉफ्टवेयर बाजार में योगदान 2020 में 36.8 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 57.1 प्रतिशत हो जाएगा।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम