कोविड के इलाज के लिए उमीफेनोविर का क्लिनिकल परीक्षण सफल

लखनऊ, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) ने दावा किया है कि कोविड -19 के उपचार में एंटीवायरल दवा, उमीफेनोविर का क्लिनिकल परीक्षण सफल रहा है।
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कोविड के इलाज के लिए उमीफेनोविर का क्लिनिकल परीक्षण सफल लखनऊ, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) ने दावा किया है कि कोविड -19 के उपचार में एंटीवायरल दवा, उमीफेनोविर का क्लिनिकल परीक्षण सफल रहा है।

132 कोविड रोगियों पर उमीफेनोविर के परीक्षण से पता चला है कि, यदि पांच दिनों के लिए प्रतिदिन दो बार उचित खुराक दी जाती है, तो दवा वायरस के गुणन की जाँच करके हल्के या मध्यम रोगसूचक और स्पशरेन्मुख रोगियों में वायरल लोड को प्रभावी रूप से शून्य तक कम कर सकती है।

फेज थ्री रैंडमाइज्ड, डबल-ब्लाइंड, प्लेसबो-नियंत्रित परीक्षण की प्रभावकारिता, सुरक्षा और सहनशीलता की एंटीवायरल दवा उमीफेनोविर बनाम गैर-गंभीर कोविड -19 रोगियों में चिकित्सा की मानक देखभाल शीर्षक से, तीन संस्थानों केजीएमयू , राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और लखनऊ मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नैदानिक परीक्षण आयोजित किया गया था।

सीडीआरआई के निदेशक प्रोफेसर तापस कुंडू ने कहा कि चूंकि उमीफेनोविर एक व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीवायरल है और रूस, चीन और अन्य देशों में 20 से अधिक वर्षों से इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के लिए एक सुरक्षित ओवर-द-काउंटर दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

सीडीआरआई निदेशक ने कहा कि सीडीआरआई, सीधे चरण- तीन परीक्षण के लिए चला गया, इन अस्पतालों की देखरेख में 132 रोगियों पर या तो अस्पताल में भर्ती कराया गया या घरेलू क्वारंटीन में।

एक अध्ययन में, डबल-ब्लाइंड मोड पूर्वाग्रह को रोककर परिणामों की विश्वसनीयता में सुधार करता है जब डॉक्टर रोगी के परिणामों का मूल्यांकन करते हैं। परिणामों से पता चला है कि हल्के, मध्यम या स्पशरेन्मुख रोगियों में वायरल लोड उमीफेनोविर (800 एमजी) की दो खुराक दिन में दो बार दिए जाने के बाद, औसतन पांच दिनों में शून्य हो गया। मरीजों को किसी भी दुष्प्रभाव का अनुभव नहीं हुआ और उनके लक्षण भी गंभीर नहीं हुए।

सीएसआईआर-आईएमटी, चंडीगढ़ के सहयोग से सीडीआरआई द्वारा किए गए अध्ययनों से यह भी पता चला है कि उमीफेनोविर सॉर्स कोव 2 के अच्छे सेल कल्चर निषेध को प्रदर्शित करता है, जो बताता है कि दवा मानव कोशिकाओं में सॉर्स कोव 2 वायरस के प्रवेश को रोकती है।

कुंडू ने कहा कि संस्थान खुराक योजना का पेटेंट करा रहा है क्योंकि इसका इस्तेमाल पहले कोविड -19 के लिए नहीं किया गया था।

सीडीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक प्रो आर रविशंकर, जिन्होंने टीम का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा कि उमीफेनोविर कोविड -19 रोगियों के इलाज के लिए किफायती होगा क्योंकि यह वर्तमान दवा की तुलना में लगभग 54 प्रतिशत सस्ता है। ये दवा दवा गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित है।

सीडीआरआई के प्रवक्ता संजीव यादव ने कहा कि महामारी के चरम पर स्थानीय रूप से उपलब्ध रसायनों का उपयोग करके संश्लेषण की व्यवहार्यता को देखते हुए सीएसआईआर द्वारा सुझाई गई 16 दवाओं में से उमीफेनोविर का चयन किया गया था। डीसीजीआई ने पिछले साल जून में परीक्षणों की अनुमति दी थी।

--आईएएनएस

एमएसबी/आरजेएस