असम और मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इंफाल में बैठकें कीं

इंफाल, 10 जून (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को इंफाल में मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह और विभिन्न अन्य निकायों व नागरिक समाज संगठनों के साथ राज्य में जातीय हिंसा के बारे में कई बैठकें कीं। तीन मई को हुई हिंसा में अब तक कुल 105 लोग मारे गए हैं और 320 लोग घायल हुए हैं।
 
इंफाल, 10 जून (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को इंफाल में मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह और विभिन्न अन्य निकायों व नागरिक समाज संगठनों के साथ राज्य में जातीय हिंसा के बारे में कई बैठकें कीं। तीन मई को हुई हिंसा में अब तक कुल 105 लोग मारे गए हैं और 320 लोग घायल हुए हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचे हैं। सीएम का इंफाल के एक होटल में विधायकों और विभिन्न जातीय समूहों के साथ अलग-अलग बैठकें करने का भी कार्यक्रम है।

हालांकि, बैठकें किस मकसद के लिए होगीं इसके बारे में तत्काल कोई नहीं है। साथ ही शनिवार को, केंद्र सरकार ने घोषणा की कि उसने हिंसा प्रभावित राज्य में सामान्य स्थिति लाने के प्रयास में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन किया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यपाल के अलावा, समिति में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, कुछ राज्य मंत्री, सांसद, विधायक, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

एमएचए ने कहा कि समिति का जनादेश राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए होगा, जिसमें शांतिपूर्ण वार्ता और परस्पर विरोधी दलों या समूहों के बीच बातचीत शामिल है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि समिति को सामाजिक एकता, आपसी समझ को मजबूत करना चाहिए और विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संचार की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

1 जून को मणिपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि राज्यपाल उइके के तहत एक शांति समिति गठित की जाएगी, जिसमें जातीय समुदायों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

शाह ने 29 मई से एक जून तक मणिपुर का दौरा किया था। इस बीच, हिंसा की जांच के लिए 4 जून को गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच आयोग शुक्रवार को इंफाल पहुंचा।

मणिपुर के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि गौहाटी हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में आयोग जल्द ही अपनी जांच शुरू करेगा।

एमएच ने जांच पैनल को अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द केंद्र सरकार को सौंपने को कहा है, लेकिन इसकी पहली बैठक की तारीख से छह महीने के भीतर नहीं। रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर आयोग के अन्य दो सदस्य हैं।

--आईएएनएस

एफजेड/एएनएम