बरेली: विशाल- अशरफ फरिश्ता बन पहुंच गए तो मच बच गयी नवजात की जान, मां बाप तो मरने छोड़ गए थे

 

न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर इंसान की रूह कांप जाए। कलयुगी मां बाप जन्म के तुरंत बाद नवजात मासूम को मरने के लिए सड़क किनारे फेंक गए। भला हो विशाल और अशरफ का जो नवजात के लिए फरिश्ता बनकर वीराने में पहुंच गए। दोनों ने मासूम को वहां से उठाया और पुलिस की मदद से उसे अस्पताल भेजा।

जिसने भी नजारा देखा वह जन्म देने वाली मां और बाप को कोसता नजर आया। दिल को झकझोरने वाला यह किस्सा बरेली के आंवला का है। वजीरगंज बस स्टैंड के पास रात करीब नौ बजे नवजात की किलकारी सुनकर लोगों के कदम रूक गए। पास देखा तो सुनसान जगह पर कपड़े में लिपटा एक मासूम बच्चा दिखायी दिया। मौके पर भीड़ लगी तो पुलिस को भी खबर दी गयी। पुलिस ने बच्ची को अस्पताल भेजा, उपचार के बाद बच्चा स्वस्थ है। हर किसी के जेहन में यही सवाल कौंध रहा था कि आखिर इस मासूम को यहां वीराने में कौन छोड़ गया।

वजीरगंज बस स्टैंड के पास रात करीब नौ बजे नवजात की बिलखने की आवाज सुन लोगों के कदम ठिठक गए। लोगों ने मौके पर जाकर देखा को सूनसान जगह पर कपड़े में लिपटा नवजात बिलख रहा था। मासूम को देख लोग दंग रह गए। जानकारी होते ही लोगों की भीड़ जुट गई। हर किसी के जहन में यह सवाल था कि यह बच्चा किसका है और यहां कैसे पहुंची। आसपास लोगों के जानकारी की गई। 

आसपास के लोगों ने अनुसार के पास रहने वाले विशाल और अशरफ शाह ने बताया कि रात करीब नौ बजे वो टहल रहे थे, तभी उन्हें नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो वो समझे किसी का बच्चा रो रहा होगा, लेकिन जब काफी देर तक बच्चे का रोना बंद नहीं हुआ तो जिस तरफ से आवाज आ रही थी, उधर जाकर देखा। सूनसान जगह पर सड़क किनारे नवजात दिखा। 

उन्होंने तुरंत ही पड़ोस में रहने वाले दूसरे लोगों को सूचना दी। नवजात मिलने की सूचना पर भीड़ इकठ्ठा हो गई। इस बीच सूचना मिलने पर पुलिस पहुंच गई। बच्चे को निजी अस्पताल ले जाकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। सीएचसी के आपातकालीन विभाग में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि नवजात लड़का है और पूरी तरह स्वस्थ है। एहतियात के तौर पर नवजात को बरेली रेफर कर दिया गया है।