बरेली: त्रिशूल, ओम व डमरू से सजेगी नाथनगरी, शिव शंभू के नाम से पहचाने जाएंगे मुख्यद्वार

आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कमिश्नरबीडीए उपाध्यक्ष ने तैयार किया नाथ सर्किट का खाका

 

न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और युवा पीढ़ी को गौरवशाली सनातन संस्कृति से रूबरू कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बरेली नाथ नगरी कारिडोर की परिकल्पना ने साकार रूप ले लिया है। बरेली के चारो मुख्य प्रवेश द्वार भगवान शिव के नाम से अलंकृत और सुशोभित होने लगे हैं। इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पास अलखनाथ, बीसलपुर रोड पर केदारनाथ, बदायूं रोड पर पशुपतिनाथ, रामपुर दिल्ली हाईवे पर प्रवेश द्वार को राम द्वार के नाम से अलंकृत किया गया है। कमिश्नर बरेली मंडल सौम्या अग्रवाल, बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने नाथ सर्किट को मूर्त रूप देने के लिए खाका तैयार कर लिया है। कमिश्नर और बीडीए उपाध्यक्ष ने सभी सातों नाथ मंदिरों का भ्रमण कर सरकारी जमीन, संसाधनों को नाथ सर्किट में समाहित करने के लिए लेआउट और डिजाइन तैयार कर लिया है।

नरियावल चौराहे पर लगेगा त्रिशूल, इन्वर्टिस तिराहे पर होंगो ओम के दर्शन

नाथनगरी कारिडोर में नाथ सर्किट को भव्यता देने के लिए कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बरेली के अलखनाथ, त्रिवटीनाथ, पशुपतिनाथ, तपेश्वर नाथ, बनखंडी नाथ मंदिर समेत सभी सातो नाथ मंदिरों का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने इनवर्टिस तिराहे पर बन रहे अलखनाथ द्वार का भी जायजा लिया। अलखनाथ द्वार के पास ही राजस्व भूमि पर ओम को धरातल से 12 फीट ऊंचाई पर प्रतिस्थापित किया जाएगा। इसके लिए मुरादाबाद के पीतल कारीगरों ओम को तैयार कर रहे हैं। करीब आठ फीट ऊंचे ओम की आकृति तैयार की जा रही है। चार फीट के स्टैंड में उसे फिट किया जाएगा। नरियावल पर भगवान भोलेनाथ का त्रिशूल स्थापित किया जाएगा। इससे लखनऊ की ओर से आने वाले लोग नाथ नगरी में प्रवेश करने से पहले भगवान आशुतोष के त्रिशूल और ओम के दर्शन कर अलखनाथ प्रवेश द्वार से बरेली में प्रवेश करेंगे।

रामगंगा के किनारे 17 एकड़ में बनेगी नाथ वाटिका

कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बताया कि राम गंगा के किनारे 17 एकड़ में नाथ वाटिका तैयार की जाएगी। इसमें वाकिंग प्लाजा बनेगा। सुंदर पुष्पों से युक्त पौधों का रोपण किया जाएगा। औषधीय पौधे भी नाथ वाटिका की शान बनेंगे। वॉकिंग प्लाजा में लोग मॉर्निंग और इवनिंग वाक का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा उनके बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था की जाएगी। नदी के किनारे का इकोसिस्टम को व्यवस्थित रखने के लिए ग्रीन वाटिका को बढ़ावा दिया जाएगा। नदी के पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल नाथ वाटिका को विकसित किया जाएगा।

डेलापीर पर लटकेगा शिव का डमरू, बनेगी फोक दीवार

बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि नाथ नगरी सर्किट के सौंदर्यीकरण के क्रम में डेलापीर चौराहे को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा। डेलापीर चौराहे पर भगवान शिव का डमरू प्रतीक स्थापित होगा। इसके अलावा एक फोक दीवार का निर्माण कराया जाएगा। दीवार पर बरेली की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को अंकित किया जाएगा। डेलापीर चौराहे के पास सिक्स लेन रोड और सौ फुटा रोड पर सेल्फी प्वाइंट दिए जाएंगे। धार्मिक और आध्यात्मिक स्वरूपों के साथ लोग सेल्फी ले सकेंगे। सेल्फी देखते की आसानी से समझ आएगा कि हम नाथ नगरी बरेली में हैं।