बरेली: प्यार में पति बन रहा था रोड़ा, पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर मार दिया, अब अदालत ने सुनायी उम्रकैद की सजा
छह साल की बेटी ने हत्याकांड का आंखो देखा हाल जज को बताया
न्यूज टुडे नेटवर्क। पत्नी के प्यार में बाधा बन रहे पति को पत्नी ने ही प्रेमी के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था। हत्याकांड के एक साल बाद अदालत ने हत्यारोपी पत्नी और उसके आशिक को उम्रकैद की सजा सुना दी। बरेली के वैष्णोधाम कालोनी में हुए चर्चित संजय हत्याकांड में एडीजीसी दसवीं कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। अदालत ने मृतक की छह साल की मासूम बेटी की गवाही को प्रमुख आधार मानते हुए दोनों हत्यारोपियों को उम्रकैद की सजा सुनायी है।
एक साल पहले जून 2022 में सुभाषनगर थाना क्षेत्र की वैष्णोधाम कालोनी निवासी संजय की हत्या कर दी गयी थी। संजय अपनी पत्नी ज्योति के प्यार में बार बार बाधा बन रहा था। पत्नी ज्योति को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपने प्रेमी अब्बास के साथ मिलकर पति संजय को मौत के घाट उतारने की खौफनाक योजना बना डाली। घटना 2 जून 2022 की है।
छह साल की मासूम ने देखा था खौफनाक नजारा
ज्योति ने पहले अपने पति संजय को खाने में नशे की गोली मिलाकर दी। खाना खाने के बाद जब पति बेहोश हो गया तभी उसने अपने प्रेमी अब्बास को घर बुला लिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर चुनरी से संजय की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद भी दोनों को तसल्ली नहीं मिली तो लकड़ी की फंटी से भी अब्बास ने संजय के सिर पर कई वार किए। वारदात को अंजाम देकर ज्योति ने अपने नंदोई को फोन करके संजय की हालत ठीक ना होने की बात बतायी। इसके बाद दोनों घर से निकल गए। पिता की हत्या का यह पूरा खौफनाक नजारा संजय की छह साल की बेटी निशा ने कमरे की खिड़की से अपनी आंखों से देखा। यह सब देखकर वह सहम गयी और पिता की हत्या का आंखो देखा हाल अपने घर में ताऊ को बताया।
संजय की पोस्टमार्ट रिपोर्ट में उसके सिर और शरीर में चोटों के निशान भी मिले थे। छह साल की मासूम निशी के ही बयान को प्रमुख सूत्र मानते हुए अदालत ने ज्योति और उसके प्रेमी अब्बास को संजय के कत्ल के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनायी है। दोनों पर 40-40 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है। छह साल की निशी पूरी घटना बताते हुए आज भी सहम जाती है।
पिता की हत्यारी मां ज्योति और उसके प्रेमी अब्बास को सजा दिलाने के बाद अब छह साल की मासूम निशी अपनी ताई के पास रह रही है। बच्ची की ताई कुसुम का कहना है कि देवर की हत्या में दोनों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। हालांकि हत्याकांड को लेकर अदालत में जज के सामने सात गवाहों ने गवाही दी थी। वहीं मासूम बेटी ने भी न्यायधीश को पूरी घटना का आंखो देखा हाल बताया था।
पति को छोड़कर भी गयी थी ज्योति
मृतक संजय अपनी पत्नी व बच्चों के साथ वैष्णोधाम कालोनी में किराए पर रहता था। वह परिवार के जीवन यापन के लिए गाड़ी चलाता था। घर से बाहर रहने के दौरान ही संजय की पत्नी ज्योति की प्रेमी अब्बास के साथ नजदीकियां बढ़ गयीं थीं। बेटी ने ज्योति को अब्बास के साथ देखा तो उसने पिता संजय को पूरी बात बता दी। जिसके बाद संजय ने पत्नी ज्योति से इसका विरोध जताया। इस बात को लेकर दोनों के बीच अनबन भी रहने लगी। वारदात से छह माह पहले ज्योति पति संजय को छोड़कर भी चली गयी थी। संजय ने इसकी रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज करायी थी, लेकिन ज्योति के बयान देने के बाद यह केस छूट गया। प्यार के रोड़े को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने के लिए ज्योति ने प्रेमी के साथ मिलकर हत्याकांड की पूरी साजिश रच डाली।