उत्तराखंड - ढोल नहीं बजाने को लेकर पंचायत ने अनुसूचित जाति के ग्रामीण पर लगाया जुर्माना, 28 लोगों पर पुलिस ने किया मुकदमा 

 

उत्तराखंड -  एक धार्मिक आयोजन में ढोल न बजाने पर जुर्माना लगाने से अनुसूचित और सवर्ण जाति के ग्रामीणों के बीच विवाद बढ़ गया है। अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने सवर्णों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कहा है कि बहिष्कार करने और हक-हकूकों से वंचित रखने की धमकी दी जा रही है। पुलिस ने उनकी तहरीर पर 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।


मामला विकासखंड जोशीमठ के सुभाई-चांचड़ी गांव का है। अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने जोशीमठ कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में कहा कि बीती मई में गांव में बैसाखी मेला था। जिसमें उनकी जाति के ढोल वादक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब के कारण वह ढोल नहीं बजा पाए। आरोप है कि इससे नाराज गांव के सवर्णों ने पंचायत बुलाकर पुष्कर लाल पर 5000 रुपये का जुर्माना लगा दिया।

 

बताया कि पुष्कर ने तीन मई को जुर्माने की रकम भी जमा कर दी, लेकिन इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। आरोप है कि ग्रामीणों ने गांव में पंचायत बुलाकर अनुसूचित जाति के परिवारों का बहिष्कार करने और जल, जंगल, जमीन से वंचित रखने का निर्णय लिया है, उन्हें गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी न भरने देने की बात भी कही गई है।


जोशीमठ कोतवाली के प्रभारी राकेश भट्ट ने बताया कि गांव के 28 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उधर, सवर्ण जाति के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में होने वाले मेले में विवाद को रोकने के लिए पंचायत हर साल निर्णय लेती है कि कोई भी ग्रामीण विवाद करेगा या शराब पीकर आएगा, तो उसपर दंड लगाया जाएगा। यह व्यवस्था सालों से चली आ रही है। इसी व्यवस्था के तहत ढोलवादक पर जुर्माना लगाया गया था। वहीं, लोगों का बहिष्कार या हक-हकूकों से वंचित करने का आरोप गलत है।


बुधवार को जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह, एसडीएम जोशीमठ चंद्रशेखर वशिष्ट और कोतवाल राकेश चंद्र भट्ट ने गांव में जाकर पीड़ित पक्ष से बात की। उनके बयान लिए गए। साथ ही उन्हें मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस उपाधीक्षक कर्णप्रयाग, जांच अधिकारी प्रमोद शाह ने बताया की पीड़ित पक्ष की तहरीर पर कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच के लिए बुधवार को गांव में गए थे, प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।