उत्तराखंड - यहां घर में चल रहा था बार और डांस क्लब, 57 युवक- युवतियां इस हालत में पकड़ी, भारी मात्रा में मिली शराब 

 

Uttarakhand Crime - आज समाज की सबसे बड़ी चिंता है नशा और अश्लीलता, एक समय था जब इसे युवक करते थे आधुनिक समय में अब युवतियां भी नशे के मामले में पीछे नहीं हैं, आये दिन वीडियोस और तस्वीरें सामने आते रहती हैं, अब देहरादून के गजियावाला डांडा गांव स्थित एक पार्टी हॉल में देर रात पुलिस और आबकारी विभाग ने छापा मारा। इस दौरान टीम ने अवैध रूप से चल रहा बार और डांस क्लब पकड़ा। जहां कई लड़कियां अर्धनग्न हालत में मिले। सभी रईस घरों से हैं। बताया कि वे हाउस पार्टी कर रहे थे।


SSP को फोन पर हाउस पार्टी की सूचना मिली - 
दरअसल, SSP देहरादून को शनिवार देर रात एक फ़ोन आया था, फ़ोन करने वाले ने बताया कि थाना कैंट क्षेत्र में एक निजी आवास पर हाउस पार्टी अवैध रूप से की जा रही है। एसएसपी देहरादून ने क्षेत्राधिकारी सदर को तुरंत एक्शन के निर्देश दिए तो पुलिस ने रेड टीम बनाई और आबकारी विभाग के साथ मिलकर कैंट क्षेत्र के इस निजी आवास पर रेड मारी। आवास पर नशे में धुत 57 रईसजादे पाए गए जो अवैध रूप से पार्टी आयोजित कर रहे थे. इनमे 40 लड़के व 17 लड़कियां शामिल थे।


मकान मालिक पर आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई - 
पुलिस ने बताया कि इस अवैध पार्टी में सम्मिलित होने हेतु गोपनीय रूप से व्हाट्सएप के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा था। मौके से भारी मात्रा में इंपॉर्टेंट शराब की खाली और भरी बोतलें बरामद हुई। ये भवन रजनी, पत्नी स्वर्गीय सुरेश चंद्र निवासी गाजियावाला थाना कैंट देहरादून ने नाम पर है. पुलिस ने मकान मालिक के विरुद्ध आबकारी अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है. अवैध पार्टी में सम्मिलित युवाओं से पूछताछ कर पुलिस एक्ट में कार्रवाई की जा रही है।

 

देहरादून सड़क हादसे में माता - पिता को दुःख दे गए थे युवा - 
ऐसे मामलों में परिवार और समाज की जिम्मेदारी भी सवालों के घेरे में है। बीते दिनों देहरादून में ही माँ - पिता को धोखा देकर पार्टी करने निकले छह छात्रों की इनोवा गाड़ी के हादसे में जान गवां दी थी, देहरादून सड़क हादसे में चले गए यह युवा अपने माता - पिता को कितना बड़ा दुःख नहीं दे गए. आज परिवारों द्वारा युवाओं को सही मार्गदर्शन और जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाना आवश्यक है। इस घटना से यह स्पष्ट है कि अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस और प्रशासन को अधिक सतर्क होना पड़ेगा। यह घटना केवल कानूनी कार्रवाई का मुद्दा नहीं है, बल्कि समाज में नैतिकता और अनुशासन की गिरावट की ओर इशारा करती है। जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ही ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।