रुद्रपुर - उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं ने किया जिलाधिकारी कार्यालय कूच, DM के माध्यम से राज्यपाल को भेजा यह ज्ञापन
रुद्रपुर - उत्तराखंड में दिन प्रतिदिन महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर आज उत्तराखंड कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने उधम सिंह नगर के रुद्रपुर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान कांग्रेसियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से सात मांगों को लेकर राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा है. कांग्रेस ने कहा राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराध निरन्तर बढ़ते जा रहे हैं उधम सिंह नगर में ही अगर देखा जाये तो अभी तक डकेती, चोरी, वाहन लूट, महिला अपहरण और बलात्कार की घटनाएँ निरन्तर बढ़ती जा रही हैं, और पूरे प्रदेश के परिपेक्ष्य में दर्ज मामलों की संख्या देखी जाये तो एक भयावह तस्वीर सामने आ रही है। हरिद्वार और देहरादून जनपदों में दिनदहाड़े लूट से प्रदेश के व्यापारी थर-थर कॉप रहे हैं.
कांग्रेस ने कहा उधम सिंह नगर जिले में महिलाओं के प्रति अपराध निरन्तर बढ़ते जा रहे हैं। महिलाओं के साथ रेप व उनकी हत्या सामान्य बात हो गयी है। उधम सिंह नगर के नरगिसबानों, सितारगंज की घटना एवं लालकुआं तथा सल्ट की घटना जहां पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी तथा राज्य के संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों द्वारा महिलाओं के साथ रेप के मामले सामने आये हैं जो कानून व्यवस्था की असफलता का गम्भीर उदाहरण हैं. अंकिता भण्डारी जैसी घटना से भी राज्य की पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया है। महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता रखने की नितान्त आवश्यकता है.
प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। रेता बजरी के खनन को निजी हाथों में देकर खनन का एकाधिकार कर दिया गया है और सरकारी पोस्टों पर निजी बाऊन्सरो के माध्यम से वसूली करवायी जा रही है। फिटमेन्ट के नाम पर ट्रान्सपार्टरों को दोंनो हाथों से लूटा जा रहा है और जो कार्य सरकार को करना चाहिए वह अन्य प्रदेशों की निजी कम्पनी को दे दिया गया है। सरकारी जमीनों को मोटी रकम लेकर बेचा जा रहा है और तो और सिंलिग की जमीन जो भूमिहीन को दी जानी चाहिए थी वह भी बिल्डरों को दी जा रही है। निजी जमीनों पर पैसे लेकर कब्जे करवाये जा रहे हैं। प्रदेश में कमीशनखोरी चरम पर है। बिना सुविधा शुल्क के कोई जायज काम भी असम्भव है.
बाजपुर के किसानों के 20 गाँव की जमीन तत्काल किसानों को दी जानी चाहिए तथा उनका शोषण बन्द किया जाना चाहिए। सत्ताधारी दल के संवैधानिक पद में बैठे व्यक्ति द्वारा हमारे बंगाली समुदाय भाईयों की अस्मिता पर चोटकर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है, जिससे समाज में विद्वेष फैल रहा है। आपदा में पहाड़ दरक रहे हैं और लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। बारिश में जहां देखो जल भराव की स्थिति है सड़कें जर-जर हालत में है। नदियों के कटान से कृषि भूमि बर्बाद हो रही है और सरकार आंख मूंदकर बैठी है.
कांग्रेस ने कहा तत्कालीन मुख्यमन्त्री नारायण दत्त तिवारी द्वारा जब सिडकुल की स्थापना की थी तो स्थानीय लोगों को राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार दिया जाना सुनिश्चित किया गया था। परन्तु 70 प्रतिशत तो दूर रोजगार की सारी व्यवस्था ठेकेदारों के हाथ में दे दी गयी है। इस ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को स्थायी नौकरी पर रखा जाये.
कांग्रेस ने उक्त बिन्दुओं पर राज्यपाल को तत्काल सरकार को निर्देशित करने को कहा है। भ्रष्टाचार के प्रकरणों पर तत्काल उच्चस्तरीय जांच करवायी जाये, अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों को सजा दिलवायी जाये ताकि राज्य की कानून व्यवस्था दुरूस्त हो और राज्य में कानून का शासन कायम हो सके। इस दौरान उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक तिलक राज बेहड़, भुवन कापड़ी, गोपाल सिंह राणा, आदेश चौहान, सुमित हृदेश, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, लोकसभा प्रत्याशी प्रकाश जोशी, पूर्व सांसद महेंद्र पाल सिंह, और जिला अध्यक्ष हिमांशु गाबा सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्त्ता मौजूद रहे.