हल्द्वानी - रिंग रोड़ के विरोध में बैठे ग्रामीण इन शर्तों पर उठे, अधिकारियों ने समाप्त करवाया अनिश्चितकालीन धरना

 

हल्द्वानी - शहर में प्रस्तावित रिंग का विरोध कर रहे गन्ना सेंटर क्षेत्र के लोग और किसानों ने आज अपना अनिश्चितकालीन धरना समाप्त कर दिया है. एसडीएम परितोष वर्मा द्वारा करने पर बैठे क्षेत्र के लोगों और किसानो को रिंग रोड के बारे में पूरे विस्तार से समझाया गया था, एसडीएम परितोष वर्मा के निर्देश पर तहसीलदार सचिन कुमार मौके पर पहुंचकर धरने पर जहां पर धरने पर बैठे किसानों और क्षेत्र के लोगों ने अपना धरना समाप्त करवा दिया है. फिलहाल पीडब्ल्यूडी द्वारा किसी भी तरह से कोई सर्वे या सीमांकन नहीं किया जाएगा, आगे की स्थिति शासन द्वारा बताई जाएगी।

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प्रशासन से वार्ता के बाद कई बिंदुओं पर बनी सहमति एसडीएम परितोष वर्मा और तहसीलदार सचिन कुमार ने ग्रामीणों से बात कर खत्म कराया आंदोलन बैठक कर रिंग रोड को लेकर दोबारा से सर्वेक्षण की कही बात सात सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा था आंदोलित ग्रामीणों ने फसल के समय पीडब्ल्यूडी द्वारा सर्वे न करने की कही है. ग्रामीणों ने कहा गांव में सर्वे से पूर्व ग्रामीणों को सूचना दी जाये। 


क्या है हल्द्वानी रिंग रोड़ परियोजना ? 
हल्द्वानी शहर को जाम से आजादी दिलाने के लिए उत्तराखंड सरकार 51 किमी लंबी रिंग रोड परियोजना लेकर आयी है, 22 अप्रैल 2017 को सीएम बनने के बाद पहली बार नैनीताल जिले में पहुंचे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 600 करोड़ के रिंग रोड निर्माण की घोषणा की थी. आज इसकी लागत 2100 करोड़ की हो चुकी है. लिहाजा कई सालों तक यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ा रहा है, एक बार फिर इस परियोजना को धरातल में उतारने की सुगबुगाहट तेज हो चुकी है.  इस प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर एक में लामाचौड़ से फुटकुआं, दूसरे में गन्ना सेंटर से मोटाहल्दू, तीसरे में मोटाहल्दू से गौलापार होते हुए काठगोदाम तक और चौथे में नरीमन तिराहे से गुलाबघाटी होते हुए ब्यूरा पनियाली व फतेहपुर तक निर्माण होना प्रस्तावित है.