हल्द्वानी - जिनके घर शीशे के हों वह दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकते, यूपी की बसों पर किया डंडा तो UP ने भी लगाया अड़ंगा 

 

हल्द्वानी - घर के किसी बड़े बुजुर्ग लोगों से आपने भी यह कहावत सुनी होगी "जिनके खुद के घर शीशे के हों तो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते", लिहाजा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम के बीच भी सब ठीक नहीं चल रहा है, दोनों राज्यों के परिवहन निगम को ओर से बरती जा रही सख्ती पर राज्य के लोगों को ही परेशानी उठानी पड़ रही है. 

 

UP के बसों के खिलाफ हुआ था एक्शन - 
दरअसल, सोमवार को हल्द्वानी डिपो में परिवहन निगम के स्थानीय अधिकारियों ने यूपी परिवहन निगम के कई डिपो से संचालित होने वाली ऐसी बसों के खिलाफ अभियान चलाया था जो मानक पूरे किए बिना दौड़ रही थीं और दिल्ली की सवारियों को स्थानीय डिपो में अपनी बसों को खड़ी कर भर रही थीं.

 

यूपी परिवहन निगम के अधिकारियों ने, उत्तराखंड की बसों पर भी किया डंडा - 
अब खुंदस में अब यूपी के परिवहन निगम के अधिकारियों ने भी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के खिलाफ सख्ती करनी शुरू कर दी है. डिपो के सूत्रों ने बताया कि परमिट संबंधी औपचारिकताओं के पूरा नहीं होने के कारण सोमवार को 14 और मंगलवार को 10 बसें यूपी के विभिन्न रूटों पर नहीं भेजी जा सकीं. 
उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की ओर से बरती जा रही सख्ती के चलते हल्द्वानी डिपो की ऐसी बसों के पहिये थम गए हैं जिन्हें बिना परमिट के दौड़ाया जा रहा था. निगम के अधिकारियों ने परमिट संबंधी सारी खामियां दूर कराने के निर्देश दिए हैं.

 

उत्तराखंड परिवहन की नई वॉल्वो बसों के भी परमिट नहीं - 
उत्तराखंड परिवहन निगम की कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी से लगा जा सकता है कि इसी महीने हल्द्वानी डिपो को अनुबंध वाली व्यवस्था के तहत मिली पांच नई वॉल्वो बसों को भी बिना परमिट के ही केवल ड्यूटी स्लिप के चलाया जा रहा है. इन पांचों बसों का संचालन हल्द्वानी से दिल्ली रोड पर किया जा रहा है लेकिन इनमें से एक भी बस का विधिवत परमिट नहीं बन पाया है. हल्द्वानी के सहायक महाप्रबंधक सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि परमिट संबंधी औपचारिकताएं अभी पूरी नहीं हो पाई हैं जिस कारण यह समस्या आई है लेकिन इसका समाधान कराया जा रहा है.