हल्द्वानी - शैमफोर्ड स्कूल के छात्र कनिष्क सुयाल का राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून में हुआ दाखिला

 
हल्द्वानी - शैमफोर्ड स्कूल हल्द्वानी के छात्र कनिष्क सुयाल का देश के प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून 
(RIMC Dehradun) के लिए चयन हुआ है। आरआइएमसी में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा होती है। इसमें अंग्रेजी, गणित एवं सामान्य ज्ञान की परीक्षा होती है। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का बौद्धिक ज्ञान और व्यक्तित्व परीक्षण के लिए साक्षात्कार होता है। कनिष्क ने सभी चरणों में सफल होकर मेरिट लिस्ट में अपना स्थान पक्का किया। आज शुक्रवार को उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया।कनिष्क सुयाल के RIMC में प्रवेश के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
आरआइएमसी में प्रवेश के लिए प्रत्येक वर्ष 2 बार जून तथा दिसंबर में इसकी प्रवेश परीक्षा होती है. जिसमें 25 छात्र तथा 5 छात्राओं का चयन पूरे भारत से किया जाता है. उत्तराखंड राज्य से इसमें प्रवेश के लिए मात्र एक छात्र का चयन होता है। कनिष्क सुयाल ने वह एकमात्र छात्र बनकर अपने माता-पिता, गुरुजनों और शैमफोर्ड विद्यालय का नाम पूरे देश में रौशन किया।
कनिष्क की इस सफलता पर शैमफोर्ड विद्यालय के चेयरमैन दयासागर बिष्ट, चेयरपर्सन ऋचा बिष्ट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश बिष्ट, डायरेक्टर अकेडमिक्स अंजू भट्ट, प्रधानाचार्या संतोष पांडे प्रशासनिक अधिकारी बी एस मनराल, विनोद खोलिया, समस्त विद्यालय प्रबंधन एवं स्टाफ ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विद्यालय के प्रबंधक दयासागर बिष्ट ने बताया कि वर्ष 2016 में शैमफोर्ड विद्यालय की स्थापना के अल्प समय में ही विद्यालय से छात्रों का चयन एनआईटी, सेना, नवोदय विद्यायल एवं सैनिक स्कूल के लिए हुआ है। अब आरआईएमसी में कनिष्क का चयन होना विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता को दर्शाता है। इस उपलब्धि के लिए कनिष्क और सभी अध्यापकों की कड़ी मेहनत है। उन्होंने कहा कि विद्यालय लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन करता है। 
कनिष्क ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों, विद्यालय के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्या को दिया जिनके मार्गदर्शन में ही उन्होने इस सफलता को हासिल किया। 
कनिष्क ने बताया कि विद्यालय प्रबंधक दयासागर बिष्ट द्वारा सभी बच्चों को अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने हेतु प्रेरित किया जाता है। उन्होंने व्यक्तिगत रुप से भी मेरा मार्गदर्शन किया और अनुशासित रहने की सलाह दी। मैंने तैयारी के दौरान नियमित 8 घंटे की पढ़ाई की और भविष्य में आईआईटी में जाकर देश के लिए अपनी सेवाएं दूंगा। कनिष्क सुयाल का जन्म ग्रामीण परिपेक्ष में एक साधारण परिवार में हुआ है उनकी माताजी रत्ना सुयाल ग्राम बैड़ापोखरा की उप ग्राम प्रधान है एवं पिताजी प्रदीप सुयाल एक सफल व्यवसायी हैं।