देहरादून - ग्राफिक एरा में हुआ शोध पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, जानिए कैसे ट्रेडिंग, अंतरिक्ष सहित मेडिकल क्षेत्र में आई आर और वीआर का होने वाला हैं उपयोग 

 


देहरादून - शोधकर्ताओं,वैज्ञानिकों और उद्योगों के बीच नई प्रौद्योगिकी, पेशेवर उपकरण, क्लाउड कम्प्यूटिंग,कंप्यूटर इंजीनियरिंग, एआई और हेल्थ केयर के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन की कड़ी को जोड़ने और समझने के लिए ग्राफ़िक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आज से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ।
डिवाइस इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विषय पर हो रहे इस कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए यूकोस्ट (उत्तराखंड )के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियालिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग का आज के प्रौद्योगिकी में इनोवेशन का मुख्य आधार है।

 ट्रेडिंग के हर क्षेत्र में इस तकनीक का भरपूर उपयोग हो रहा है।अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भी इन तकनीकों से हमें नए शोध की दिशा मिलेगी।भविष्य में भी अंतरिक्ष की नई खोजों में आई आर,वीआर जैसी तकनीकों का और अधिक उपयोग होगा।

उद्घाटन सत्र में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) नरपिंदर सिंह ने शोधकर्ता और विशेषज्ञों का स्वागत किया।
उद्घाटन सत्र के बाद देश विदेश के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्रों की खोजों को साझा किया।
साउथ कोरिया के डीग ज्ञेयंगबुक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान  (Daegu Gyeongbuk Institute of Science and Technology),के प्रो सुखों पार्क (SUKHO PARK)ने  चिकित्सा और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए बने माइक्रो नैनो रोबोट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस रोबोट का डिजाइन ट्यूमर और संक्रमित कोशिकाओं के उपचार करने में उपयोगी होगा। उन्होंने पेट के अंदर गैस्ट्रोनॉमिक ट्रैक में उपयोग किए जाने वाले अनएथर्ड बायो-मेडिकल कैप्सूल के बारे  में बताया कि इससे गैस्ट्रोनॉमी ट्रैक  के अंदर की स्पष्ट तस्वीरें खींची जा सकती है। जिससे इस तरह की बीमारी के सटीक इलाज में मदद मिलेगी। 
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर (डॉ.) एम. जलील अख्तर  ने भारत ने मेटामटेरियल प्रेरित प्लानर आरएफ सेंसर और उसके अनुप्रयोगों पर अपने विचार साझा किए। 
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग और यू -कॉस्ट, आई ई ई ई (IEEE ),एस ई आर बी (SERB )के सहयोग से हो रही इस कॉन्फ्रेंस में ग्राफिक एरा, आईआईटी, एनआईटी,आईआईटी/एनआईटी/आईआईएससी और उद्योग जगत के संस्थानों समेत दुनिया के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं के 610 शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 150 शोध पत्रों को ऑनलाइन ऑफलाइन मोड में प्रस्तुत किया जाएगा।
 सम्मेलन में दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बंसीधर मल्होत्रा, बीआईटी रांची के प्रोफेसर संजय कुमार, प्रोफेसर  (डॉ.) मोहम्मद इरफ़ानुल हसन ने भी प्रौद्योगिकी, इनोवेशन और शोधों के नए आयाम पर अपने विचार रखे।
  सम्मेलन में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ आर सी जोशी, महानिदेशक प्रो संजय जसोला, ,जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (JHU/APL), यूनाइटेड स्टेट्स, के प्रो  आशुतोष दत्ता,एमएनएनआईटी इलाहाबाद के पूर्व निदेशक, प्रो राजीव त्रिपाठी,प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की के प्रो सुदेब दासगुप्ता सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के डीन, एचओडी और दुनिया भर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ उपस्थित थे।


देहरादून - शोधकर्ताओं,वैज्ञानिकों और उद्योगों के बीच नई प्रौद्योगिकी, पेशेवर उपकरण, क्लाउड कम्प्यूटिंग,कंप्यूटर इंजीनियरिंग, एआई और हेल्थ केयर के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन की कड़ी को जोड़ने और समझने के लिए ग्राफ़िक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आज से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ।
डिवाइस इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विषय पर हो रहे इस कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए यूकोस्ट (उत्तराखंड )के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियालिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग का आज के प्रौद्योगिकी में इनोवेशन का मुख्य आधार है।

 ट्रेडिंग के हर क्षेत्र में इस तकनीक का भरपूर उपयोग हो रहा है।अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भी इन तकनीकों से हमें नए शोध की दिशा मिलेगी।भविष्य में भी अंतरिक्ष की नई खोजों में आई आर,वीआर जैसी तकनीकों का और अधिक उपयोग होगा।

उद्घाटन सत्र में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) नरपिंदर सिंह ने शोधकर्ता और विशेषज्ञों का स्वागत किया।
उद्घाटन सत्र के बाद देश विदेश के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्रों की खोजों को साझा किया।
साउथ कोरिया के डीग ज्ञेयंगबुक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान  (Daegu Gyeongbuk Institute of Science and Technology),के प्रो सुखों पार्क (SUKHO PARK)ने  चिकित्सा और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए बने माइक्रो नैनो रोबोट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस रोबोट का डिजाइन ट्यूमर और संक्रमित कोशिकाओं के उपचार करने में उपयोगी होगा। उन्होंने पेट के अंदर गैस्ट्रोनॉमिक ट्रैक में उपयोग किए जाने वाले अनएथर्ड बायो-मेडिकल कैप्सूल के बारे  में बताया कि इससे गैस्ट्रोनॉमी ट्रैक  के अंदर की स्पष्ट तस्वीरें खींची जा सकती है। जिससे इस तरह की बीमारी के सटीक इलाज में मदद मिलेगी। 
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर (डॉ.) एम. जलील अख्तर  ने भारत ने मेटामटेरियल प्रेरित प्लानर आरएफ सेंसर और उसके अनुप्रयोगों पर अपने विचार साझा किए। 
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग और यू -कॉस्ट, आई ई ई ई (IEEE ),एस ई आर बी (SERB )के सहयोग से हो रही इस कॉन्फ्रेंस में ग्राफिक एरा, आईआईटी, एनआईटी,आईआईटी/एनआईटी/आईआईएससी और उद्योग जगत के संस्थानों समेत दुनिया के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं के 610 शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 150 शोध पत्रों को ऑनलाइन ऑफलाइन मोड में प्रस्तुत किया जाएगा।
 सम्मेलन में दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बंसीधर मल्होत्रा, बीआईटी रांची के प्रोफेसर संजय कुमार, प्रोफेसर  (डॉ.) मोहम्मद इरफ़ानुल हसन ने भी प्रौद्योगिकी, इनोवेशन और शोधों के नए आयाम पर अपने विचार रखे।
  सम्मेलन में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ आर सी जोशी, महानिदेशक प्रो संजय जसोला, ,जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (JHU/APL), यूनाइटेड स्टेट्स, के प्रो  आशुतोष दत्ता,एमएनएनआईटी इलाहाबाद के पूर्व निदेशक, प्रो राजीव त्रिपाठी,प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की के प्रो सुदेब दासगुप्ता सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के डीन, एचओडी और दुनिया भर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ उपस्थित थे।


देहरादून - शोधकर्ताओं,वैज्ञानिकों और उद्योगों के बीच नई प्रौद्योगिकी, पेशेवर उपकरण, क्लाउड कम्प्यूटिंग,कंप्यूटर इंजीनियरिंग, एआई और हेल्थ केयर के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन की कड़ी को जोड़ने और समझने के लिए ग्राफ़िक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आज से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ।
डिवाइस इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विषय पर हो रहे इस कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए यूकोस्ट (उत्तराखंड )के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियालिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग का आज के प्रौद्योगिकी में इनोवेशन का मुख्य आधार है।

 ट्रेडिंग के हर क्षेत्र में इस तकनीक का भरपूर उपयोग हो रहा है।अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भी इन तकनीकों से हमें नए शोध की दिशा मिलेगी।भविष्य में भी अंतरिक्ष की नई खोजों में आई आर,वीआर जैसी तकनीकों का और अधिक उपयोग होगा।

उद्घाटन सत्र में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) नरपिंदर सिंह ने शोधकर्ता और विशेषज्ञों का स्वागत किया।
उद्घाटन सत्र के बाद देश विदेश के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्रों की खोजों को साझा किया।
साउथ कोरिया के डीग ज्ञेयंगबुक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान  (Daegu Gyeongbuk Institute of Science and Technology),के प्रो सुखों पार्क (SUKHO PARK)ने  चिकित्सा और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए बने माइक्रो नैनो रोबोट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस रोबोट का डिजाइन ट्यूमर और संक्रमित कोशिकाओं के उपचार करने में उपयोगी होगा। उन्होंने पेट के अंदर गैस्ट्रोनॉमिक ट्रैक में उपयोग किए जाने वाले अनएथर्ड बायो-मेडिकल कैप्सूल के बारे  में बताया कि इससे गैस्ट्रोनॉमी ट्रैक  के अंदर की स्पष्ट तस्वीरें खींची जा सकती है। जिससे इस तरह की बीमारी के सटीक इलाज में मदद मिलेगी। 
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर (डॉ.) एम. जलील अख्तर  ने भारत ने मेटामटेरियल प्रेरित प्लानर आरएफ सेंसर और उसके अनुप्रयोगों पर अपने विचार साझा किए। 
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग और यू -कॉस्ट, आई ई ई ई (IEEE ),एस ई आर बी (SERB )के सहयोग से हो रही इस कॉन्फ्रेंस में ग्राफिक एरा, आईआईटी, एनआईटी,आईआईटी/एनआईटी/आईआईएससी और उद्योग जगत के संस्थानों समेत दुनिया के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं के 610 शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 150 शोध पत्रों को ऑनलाइन ऑफलाइन मोड में प्रस्तुत किया जाएगा।


 सम्मेलन में दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बंसीधर मल्होत्रा, बीआईटी रांची के प्रोफेसर संजय कुमार, प्रोफेसर  (डॉ.) मोहम्मद इरफ़ानुल हसन ने भी प्रौद्योगिकी, इनोवेशन और शोधों के नए आयाम पर अपने विचार रखे।
  सम्मेलन में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ आर सी जोशी, महानिदेशक प्रो संजय जसोला, ,जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (JHU/APL), यूनाइटेड स्टेट्स, के प्रो  आशुतोष दत्ता,एमएनएनआईटी इलाहाबाद के पूर्व निदेशक, प्रो राजीव त्रिपाठी,प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की के प्रो सुदेब दासगुप्ता सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के डीन, एचओडी और दुनिया भर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ उपस्थित थे।

देहरादून - शोधकर्ताओं,वैज्ञानिकों और उद्योगों के बीच नई प्रौद्योगिकी, पेशेवर उपकरण, क्लाउड कम्प्यूटिंग,कंप्यूटर इंजीनियरिंग, एआई और हेल्थ केयर के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन की कड़ी को जोड़ने और समझने के लिए ग्राफ़िक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आज से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ।
डिवाइस इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विषय पर हो रहे इस कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए यूकोस्ट (उत्तराखंड )के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियालिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग का आज के प्रौद्योगिकी में इनोवेशन का मुख्य आधार है।

 ट्रेडिंग के हर क्षेत्र में इस तकनीक का भरपूर उपयोग हो रहा है।अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भी इन तकनीकों से हमें नए शोध की दिशा मिलेगी।भविष्य में भी अंतरिक्ष की नई खोजों में आई आर,वीआर जैसी तकनीकों का और अधिक उपयोग होगा।

उद्घाटन सत्र में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) नरपिंदर सिंह ने शोधकर्ता और विशेषज्ञों का स्वागत किया।
उद्घाटन सत्र के बाद देश विदेश के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्रों की खोजों को साझा किया।
साउथ कोरिया के डीग ज्ञेयंगबुक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान  (Daegu Gyeongbuk Institute of Science and Technology),के प्रो सुखों पार्क (SUKHO PARK)ने  चिकित्सा और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए बने माइक्रो नैनो रोबोट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस रोबोट का डिजाइन ट्यूमर और संक्रमित कोशिकाओं के उपचार करने में उपयोगी होगा। उन्होंने पेट के अंदर गैस्ट्रोनॉमिक ट्रैक में उपयोग किए जाने वाले अनएथर्ड बायो-मेडिकल कैप्सूल के बारे  में बताया कि इससे गैस्ट्रोनॉमी ट्रैक  के अंदर की स्पष्ट तस्वीरें खींची जा सकती है। जिससे इस तरह की बीमारी के सटीक इलाज में मदद मिलेगी। 
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर (डॉ.) एम. जलील अख्तर  ने भारत ने मेटामटेरियल प्रेरित प्लानर आरएफ सेंसर और उसके अनुप्रयोगों पर अपने विचार साझा किए। 
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग और यू -कॉस्ट, आई ई ई ई (IEEE ),एस ई आर बी (SERB )के सहयोग से हो रही इस कॉन्फ्रेंस में ग्राफिक एरा, आईआईटी, एनआईटी,आईआईटी/एनआईटी/आईआईएससी और उद्योग जगत के संस्थानों समेत दुनिया के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं के 610 शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 150 शोध पत्रों को ऑनलाइन ऑफलाइन मोड में प्रस्तुत किया जाएगा।
 सम्मेलन में दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बंसीधर मल्होत्रा, बीआईटी रांची के प्रोफेसर संजय कुमार, प्रोफेसर  (डॉ.) मोहम्मद इरफ़ानुल हसन ने भी प्रौद्योगिकी, इनोवेशन और शोधों के नए आयाम पर अपने विचार रखे।
  सम्मेलन में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ आर सी जोशी, महानिदेशक प्रो संजय जसोला, ,जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (JHU/APL), यूनाइटेड स्टेट्स, के प्रो  आशुतोष दत्ता,एमएनएनआईटी इलाहाबाद के पूर्व निदेशक, प्रो राजीव त्रिपाठी,प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की के प्रो सुदेब दासगुप्ता सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के डीन, एचओडी और दुनिया भर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ उपस्थित थे।