देहरादून- पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 15 करोड़ के चंदे लेने के आरोपों को बताया निराधार, अब करेंगे मानहानि का दावा 

 

देहरादून - राजनीति से सन्यास लें चुके महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के भतीजे पर चंदा लेंने के आरोपों को उन्होंने और उनके भतीजे ने सिरे से नकार दिया हैं। कुछ दिन पूर्व आरटीआई कार्यकर्त्ता अनिल गलगली  ने एक न्यूज़ पोर्टल को बयान दिया था कि कोश्यारी के भतीजे को रिसोर्ट की ज़मीन खरीदने के लिये अनंत अंबानी ने स्कूल के जरिये इनडायरेक्ट चंदा दिया हैं।

यह है अनिल गलगली का आरोपी 

 महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र राजभवन से 15 करोड़ रूपये के चंदे की बात पूछी थी . हालांकि, राजभवन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस बीच, अनिल गलगली को एक गुमनाम पत्र मिला है जिसमें महाराष्ट्र और उत्तराखंड में हलचल पैदा करने का दावा किया गया है. उस पत्र को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ईटीवी भारत से बात कर प्रतिक्रिया दी और सभी आरोपों को सिरे से नकारा है।

.पत्र में क्या है:आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मिले एक गुमनाम पत्र में दावा किया गया है कि जब भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे, तो उनके उत्तराखंड में स्थित शैक्षणिक संस्थान को व्यवसायी अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये का दान मिला था. इसके बाद अनिल गलगली ने यह गुमनाम पत्र महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजा और मामले की जांच की मांग की.ईटीवी भारत महाराष्ट्र से बात करते हुए अनिल गलगली का कहना है कि इससे पहले भी सूचना के अधिकार के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के कार्यकाल के दौरान उनके संगठन द्वारा एकत्र किए गए दान की राशि के बारे में जानकारी मांगी थी. लेकिन, उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. इसलिए इस गुमनाम पत्र के मामले की जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी. ऐसी मांग गलगली ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की है.।

भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मेरे और दीपेंद्र कोश्यारी पर ऐसे गलत आरोपों पर उनका परिवार कानूनी राय लेकर गलगली पर कार्यवाई करेगा। जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।

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