चौतरफा मुश्किलों से घिरे बाबा रामदेव, सुप्रीम फटकार के बाद 14 प्रोडक्ट बैन, अब GST विभाग ने भेजा करोड़ों का नोटिस 

 

GST Notice to Patanjali - योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद चौतरफा संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। उत्तराखंड के आयुष विभाग की लाइसेंसिंग अथारिटी पतंजलि के 14 उत्पादों पर रोक लगा चुकी है। अब जीएसटी इंटेलिजेंस ने भी पतंजलि पर निगाहें टेढ़ी कर दी हैं।


पतंजलि के 14 उत्पाद पर लगी रोक - 
बाबा रामदेव के दर्जन भर से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लग गया है। यह प्रतिबंध पतंजलि की दिव्य फार्मेसी से जुड़े भ्रामक विज्ञापन के सिलसिले में लगा है। यह जानकारी उत्तराखंड के लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक एफिडेविट में दी है। दिव्य फार्मेसी के जिन प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगा है उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, दिव्य ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट,मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं। अथॉरिटी के मुताबिक पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।


GST विभाग ने भेजा 27.46 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस - 
आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के गलत क्लेम के मामले में डायरेक्टोरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआइ) की चंडीगढ़ यूनिट ने पतंजलि फूड्स को 27.46 करोड़ रुपये की वसूली को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी से क्यों न 27.46 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट की वसूली की जाए. दरअसल, कंपनी पर आरोप है कि जिस माल की वास्तविक आवक हुई ही नहीं है, उस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ कैसे प्राप्त कर लिया। ऐसे में इस राशि को कंपनी को वापस करना पड़ सकता है या कंपनी पर विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है।


उत्तराखंड जीएसटी ने पकड़ा 15 करोड़ रुपये का आइटीसी गोलमाल - 
बीते वर्ष राज्य कर (स्टेट जीएसटी) उत्तराखंड के हरिद्वार के अधिकारियों ने पतंजलि की आठ से नौ फर्मों के विरुद्ध आइटीसी का गोलमाल पकड़ा था। इसी तरह का मामला डीजीजीआइ, गाजियाबाद ने भी पकड़ा था। उत्तराखंड के अधिकारियों का केस मजबूत होने के चलते इसे राज्य कर के सिपुर्द कर दिया था।
गोलमाल की जांच में आगे बढ़ते हुए राज्य कर विभाग के अधिकारी पतंजलि की फर्मों पर सर्वे और सीजर की कार्रवाई भी कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि अब 15 करोड़ रुपये की वसूली को लेकर राज्य कर विभाग बड़ा कदम उठा सकता है।


आईएमए ने दायर की थी याचिका - 
शीर्ष अदालत ने नवंबर 2023 में इंडियन मेडिकल द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान पतंजलि को अपने उत्पादों के विज्ञापनों को रोकने का निर्देश दिया था, जिसमें उन्होंने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 में निर्दिष्ट बीमारियों और विकारों का इलाज करने का दावा किया था। एसोसिएशन (IMA) ने आधुनिक चिकित्सा की आलोचना करने पर रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने की थी खिंचाई - 
बीते 23 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने समाचार पत्रों में अपनी माफी को "प्रमुखता से" प्रदर्शित नहीं करने के लिए पतंजलि की खिंचाई की थी। अदालत ने पूछा था कि क्या पतंजलि द्वारा अखबारों में दी गई माफी का आकार उसके उत्पादों के लिए पूरे पेज के विज्ञापन के समान था। पतंजलि ने कहा था कि उसने 67 अखबारों में माफीनामा प्रकाशित किया है और कहा है कि वह अदालत का पूरा सम्मान करता है और अपनी गलतियों को नहीं दोहराया जाएगा।