ग्राफिक एरा के दीक्षांत समारोह में 5465 को मिली डिग्री, स्किल को अपडेट करें और बेस्ट दें- करंदीकर
May 20, 2024, 22:35 IST
देहरादून- ( निधि अधिकारी) 19 मई को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 11वें दीक्षांत समारोह में 5465 युवाओं को ग्रेजुएट, पी.जी. और डॉक्टरेट की उपाधियां प्रदान की गईं। केंद्र सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने दीक्षांत भाषण में युवाओं से अपनी स्किल लगातार अपडेट करने और कार्य में अपना बेस्ट देने का आह्वान किया।
ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में बहुत शानदार और गरिमामयी शैक्षणिक शोभायात्रा के साथ आज सुबह दीक्षांत समारोह का श्रीगणेश हुआ। सेना के बैण्ड के साथ एकेडमिक प्रोसेशन विशाल कन्वेंशन सेंटर में पहुंचा तो लोगों ने खड़े होकर करतल ध्वनि के साथ उसका स्वागत किया। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में डी.एस.टी. के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने नये उपाधिधारकों से जीवन में सीखने की ललक, काम करने का जुनून और कार्य के प्रति ईमानदारी बनाये रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं में जोखिम लेने की क्षमता होनी चाहिए और वे चाहे जिस क्षेत्र में कैरियर बनायें, उन्हें हमेशा पूरी कुशलता से कार्य करके अपना बेस्ट देना चाहिए।
प्रो. करंदीकर ने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने छात्र छात्राओं और शिक्षकों के बीच बेहतर तारतम्य बनाने का काम किया है और शिक्षा को हर किसी के लिए सुलभ बनाया है। शिक्षा के टूल और प्लेटफार्म में वृद्धि हो रही है। नई शिक्षा नीति में प्रैक्टिकल एप्रोच अधिक है। इससे शिक्षा में टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ी है। शिक्षा में टेक्नोलॉजी के टूल्स का उपयोग करने से प्रैक्टिकल एप्रोच बढ़ गई है। यह शिक्षा नीति सीखने वालों पर केंद्रित है और इसके कारण छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता बढ़ रही है। इससे देश की डायनामिक्स में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 से शिक्षा का जरिया बहुत बदल चुका है। प्रो. करंदीकर ने ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा ऑनलाइन भी दिए जाने की सराहना की।
मिसाइल मैन के रूप में दुनिया में चर्चित नीति आयोग के सदस्य और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ वी के सारस्वत ने अपने संबोधन में उपाधिधारकों से जीवन में रचनात्मकता, जिज्ञासा, जोश और नैतिक मूल्यों को बनाये रखने का आह्वान किया। डॉ सारस्वत ने युवाओं को जिम्मेदारी से कभी पीछे न हटने, लीडर बनने और जो भी कार्य करें, उसके स्टैंडर्ड हाई करने की सलाह दी। युवा जहां भी कार्य करें, वहां विश्वविद्यालय में प्राप्त ज्ञान को लेकर जायें और दुनिया को बेहतर बनाने में अपना योगदान दें।
मिसाइल मैन डॉ सारस्वत ने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि हमेशा यह विश्वास करें कि हम कमजोर नहीं हैं। हममें पूरी क्षमता है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं से कहा कि आज वे मील के जिस पत्थर तक पहुंचे हैं, वह यहां के शिक्षकों और माता पिता के प्रोत्साहन व कठिन मेहनत से जुड़ा है। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी का उल्लेख करते हुए डॉ सारस्वत ने कहा कि 1993 से जिस तरह यह विश्वविद्यालय हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और आज देश के सौ सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में 55 वें स्थान पर पहुंचा है, उससे डॉ कमल घनशाला की प्रतिबद्धता जाहिर होती है। ग्राफिक एरा का माहौल जीवंत है और 23 से अधिक देशों के बच्चे यहां पढ़ रहे हैं। ग्राफिक एरा बच्चों की सीखने और नया खोजने की क्षमता को विकसित करता है। इसकी फैकल्टी दुनिया में सबसे ज्यादा उद्धत किए जाने वाले दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल है।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने युवाओं से सुरक्षित मानसिकता के लोगों से दूर रहने का आह्वान किया। डॉ घनशाला ने युवाओं से बड़े सपने देखने और फिर पूरी क्षमता से उन्हें पूरा करने में जुट जाने को कहा। उन्होंन एक सपना पूरा होने के बाद उससे बड़ा दूसरा लक्ष्य निर्धारित करने, टीम भावना से कार्य करने और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह भी दी। डॉ घनशाला ने कहा कि यहां से सीखकर युवा विदेश जायें, तो वहां से सीखकर अपने देश आकर निवेश करें। उन्होंने खुशी जाहिर की कि देश के चार शीर्ष वैज्ञानिक आज इस मंच पर मौजूद हैं।
दीक्षांत समारोह में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज के निदेशक डॉ शैलेश नायक को डॉक्टर ऑफ साईंस की मानद उपाधि से नवाजा गया। डॉ नायक ने जलवायु परिवर्तन से उपजी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए धरती को इनसे बचाने के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
समारोह में कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह ने उपाधि धारकों को शपथ दिलाई। प्रो चांसलर डॉ राकेश कुमार शर्मा ने आभार व्यक्त किया। कुलसचिव डॉ डी के जोशी ने शैक्षणिक शोभायात्रा का नेतृत्व किया और वर्ष 2022 व 2023 में उपाधियां प्राप्त करने वालों का विवरण प्रस्तुत किया। समारोह में वैज्ञानिक डॉ सुधीर कुमार मिश्रा, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जसोला, एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य, शिक्षक और काफी अभिभावक भी शामिल हुए।
लड़कियों ने जीते 89.9 प्रतिशत मेडल:
देहरादून में 9 मई को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मेडल पाने वालों में लड़कियों बहुत आगे हैं। दो वर्षों के 89.9 प्रतिशत मेडल लड़कियों ने कब्ज़ा लिए हैं। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2022 में उत्तीर्ण छात्र छात्राओं को 39 गोल्ड, 40 सिल्वर और 37 ब्रांज मेडल दिये गये हैं। वहीं वर्ष 2023 में उत्तीर्ण छात्र छात्राओं ने कुल मिलाकर 44 गोल्ड, 44 सिल्वर और 44 ब्रांज मेडल प्राप्त किये हैं। इनमें से 89.9 प्रतिशत मेडल लड़कियों ने हासिल किए। समारोह में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस, मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री सहित 14 विषय में शोध कार्य के लिए 66 शोधकर्ताओं को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया। वही, वर्ष 2022 में कोर्स पूरा करने वाले 2569 छात्र छात्राओं को और 2023 के 2896 छात्र छात्राओं को दीक्षांत समारोह में उपाधियां दी गईं। इनके अलावा वर्ष 2024 में पीएचडी करने वाले स्कॉलर्स को भी समारोह में डिग्री दी गई।
(निधि अधिकारी ग्राफिक एरा के दीक्षांत समारोह में 5465 को मिली डिग्री, स्किल को अपडेट करें और बेस्ट दें- करंदीकर
देहरादून- ( निधि अधिकारी) 19 मई को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 11वें दीक्षांत समारोह में 5465 युवाओं को ग्रेजुएट, पी.जी. और डॉक्टरेट की उपाधियां प्रदान की गईं। केंद्र सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने दीक्षांत भाषण में युवाओं से अपनी स्किल लगातार अपडेट करने और कार्य में अपना बेस्ट देने का आह्वान किया।
ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में बहुत शानदार और गरिमामयी शैक्षणिक शोभायात्रा के साथ आज सुबह दीक्षांत समारोह का श्रीगणेश हुआ। सेना के बैण्ड के साथ एकेडमिक प्रोसेशन विशाल कन्वेंशन सेंटर में पहुंचा तो लोगों ने खड़े होकर करतल ध्वनि के साथ उसका स्वागत किया। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में डी.एस.टी. के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने नये उपाधिधारकों से जीवन में सीखने की ललक, काम करने का जुनून और कार्य के प्रति ईमानदारी बनाये रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं में जोखिम लेने की क्षमता होनी चाहिए और वे चाहे जिस क्षेत्र में कैरियर बनायें, उन्हें हमेशा पूरी कुशलता से कार्य करके अपना बेस्ट देना चाहिए।
प्रो. करंदीकर ने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने छात्र छात्राओं और शिक्षकों के बीच बेहतर तारतम्य बनाने का काम किया है और शिक्षा को हर किसी के लिए सुलभ बनाया है। शिक्षा के टूल और प्लेटफार्म में वृद्धि हो रही है। नई शिक्षा नीति में प्रैक्टिकल एप्रोच अधिक है। इससे शिक्षा में टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ी है। शिक्षा में टेक्नोलॉजी के टूल्स का उपयोग करने से प्रैक्टिकल एप्रोच बढ़ गई है। यह शिक्षा नीति सीखने वालों पर केंद्रित है और इसके कारण छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता बढ़ रही है। इससे देश की डायनामिक्स में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 से शिक्षा का जरिया बहुत बदल चुका है। प्रो. करंदीकर ने ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा ऑनलाइन भी दिए जाने की सराहना की।
मिसाइल मैन के रूप में दुनिया में चर्चित नीति आयोग के सदस्य और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ वी के सारस्वत ने अपने संबोधन में उपाधिधारकों से जीवन में रचनात्मकता, जिज्ञासा, जोश और नैतिक मूल्यों को बनाये रखने का आह्वान किया। डॉ सारस्वत ने युवाओं को जिम्मेदारी से कभी पीछे न हटने, लीडर बनने और जो भी कार्य करें, उसके स्टैंडर्ड हाई करने की सलाह दी। युवा जहां भी कार्य करें, वहां विश्वविद्यालय में प्राप्त ज्ञान को लेकर जायें और दुनिया को बेहतर बनाने में अपना योगदान दें।
मिसाइल मैन डॉ सारस्वत ने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि हमेशा यह विश्वास करें कि हम कमजोर नहीं हैं। हममें पूरी क्षमता है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं से कहा कि आज वे मील के जिस पत्थर तक पहुंचे हैं, वह यहां के शिक्षकों और माता पिता के प्रोत्साहन व कठिन मेहनत से जुड़ा है। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी का उल्लेख करते हुए डॉ सारस्वत ने कहा कि 1993 से जिस तरह यह विश्वविद्यालय हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और आज देश के सौ सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में 55 वें स्थान पर पहुंचा है, उससे डॉ कमल घनशाला की प्रतिबद्धता जाहिर होती है। ग्राफिक एरा का माहौल जीवंत है और 23 से अधिक देशों के बच्चे यहां पढ़ रहे हैं। ग्राफिक एरा बच्चों की सीखने और नया खोजने की क्षमता को विकसित करता है। इसकी फैकल्टी दुनिया में सबसे ज्यादा उद्धत किए जाने वाले दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल है।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने युवाओं से सुरक्षित मानसिकता के लोगों से दूर रहने का आह्वान किया। डॉ घनशाला ने युवाओं से बड़े सपने देखने और फिर पूरी क्षमता से उन्हें पूरा करने में जुट जाने को कहा। उन्होंन एक सपना पूरा होने के बाद उससे बड़ा दूसरा लक्ष्य निर्धारित करने, टीम भावना से कार्य करने और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह भी दी। डॉ घनशाला ने कहा कि यहां से सीखकर युवा विदेश जायें, तो वहां से सीखकर अपने देश आकर निवेश करें। उन्होंने खुशी जाहिर की कि देश के चार शीर्ष वैज्ञानिक आज इस मंच पर मौजूद हैं।
दीक्षांत समारोह में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज के निदेशक डॉ शैलेश नायक को डॉक्टर ऑफ साईंस की मानद उपाधि से नवाजा गया। डॉ नायक ने जलवायु परिवर्तन से उपजी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए धरती को इनसे बचाने के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
समारोह में कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह ने उपाधि धारकों को शपथ दिलाई। प्रो चांसलर डॉ राकेश कुमार शर्मा ने आभार व्यक्त किया। कुलसचिव डॉ डी के जोशी ने शैक्षणिक शोभायात्रा का नेतृत्व किया और वर्ष 2022 व 2023 में उपाधियां प्राप्त करने वालों का विवरण प्रस्तुत किया। समारोह में वैज्ञानिक डॉ सुधीर कुमार मिश्रा, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जसोला, एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य, शिक्षक और काफी अभिभावक भी शामिल हुए।
लड़कियों ने जीते 89.9 प्रतिशत मेडल:
देहरादून में 9 मई को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मेडल पाने वालों में लड़कियों बहुत आगे हैं। दो वर्षों के 89.9 प्रतिशत मेडल लड़कियों ने कब्ज़ा लिए हैं। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2022 में उत्तीर्ण छात्र छात्राओं को 39 गोल्ड, 40 सिल्वर और 37 ब्रांज मेडल दिये गये हैं। वहीं वर्ष 2023 में उत्तीर्ण छात्र छात्राओं ने कुल मिलाकर 44 गोल्ड, 44 सिल्वर और 44 ब्रांज मेडल प्राप्त किये हैं। इनमें से 89.9 प्रतिशत मेडल लड़कियों ने हासिल किए। समारोह में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस, मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री सहित 14 विषय में शोध कार्य के लिए 66 शोधकर्ताओं को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया। वही, वर्ष 2022 में कोर्स पूरा करने वाले 2569 छात्र छात्राओं को और 2023 के 2896 छात्र छात्राओं को दीक्षांत समारोह में उपाधियां दी गईं। इनके अलावा वर्ष 2024 में पीएचडी करने वाले स्कॉलर्स को भी समारोह में डिग्री दी गई।