ममता ने सौरव गांगुली को बताया राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार
सीएम बनर्जी ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा- मेरे कुछ सवाल हैं, आईसीसी में किसके लिए एक पद आरक्षित रखा गया था? सौरव को किसके स्वार्थ का शिकार बनाया गया? वह राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार क्यों हुआ? क्या भारतीय क्रिकेट को इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़ेगा? यह एक शर्मनाक राजनीतिक प्रतिशोध है।
ममता बनर्जी की टिप्पणी बीसीसीआई द्वारा यह स्पष्ट करने के बाद आई है कि वह आईसीसी के मौजूदा अध्यक्ष ग्रेग बार्कले को पद बरकरार रखने के लिए समर्थन देंगे। हालांकि, ममला बनर्जी ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके बेटे और बीसीसीआई सचिव जय शाह का नाम लेने से परहेज किया।
हालांकि मीडियाकर्मियों ने विशेष रूप से पूछा कि क्या वह पिता-पुत्र की जोड़ी पर इशारा कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, आप सभी पत्रकार हैं। निश्चित रूप से आपके पास जानकारी है..आप इसे बेहतर ढंग से समझेंगे। यह स्पष्ट होने के तुरंत बाद कि गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में एक और कार्यकाल नहीं मिलेगा, बनर्जी ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगीं ताकि भारत के पूर्व कप्तान को आईसीसी अध्यक्ष के लिए नामित किया जा सके।
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मामले में कई केंद्रीय मंत्रियों से बात की। उन्होंने कहा, मैंने इस मामले में एक स्पष्ट संदेश भी भेजा। लेकिन इन सबके बाद भी सौरव को इस तरह से अपमानित किया गया। वह बेहद विनम्र व्यक्ति हैं। संभवत: वह अपनी पीड़ा को सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं करेंगे। लेकिन निश्चित रूप से उन्हें चोट लगी है।
इस बीच, गांगुली पहले ही कह चुके हैं कि वह 31 अक्टूबर को दूसरे कार्यकाल के लिए बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेंगे, जब संघ की वार्षिक आम बैठक होनी है। गांगुली के 22 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने की उम्मीद है।
--आईएएनएस
केसी/एएनएम