पैरामेडिकल स्टाफ किसी भी प्रदेश के स्वास्थ्य सुविधा की रीढ़ होते हैं- मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि एएनएम की क्या भूमिका हो सकती है, इसकी उपयोगिता हमें कोरोना महामारी में देखने को मिली है। कोरोना के दौरान एएनएम और आशा वर्कर्स ने घर-घर जाकर अपनी जान की परवाह किए बिना मानवता की सेवा की। उन्होंने कहा कि क्वालिटी ऑफ लाइफ की गारंटी उत्तर प्रदेश में हो इसका प्रयास हम सबको करना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने तीन जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं का सु²ढ़ीकरण एवं विस्तार करते हुए चंदौली, भदोही और हाथरस में डायलिसिस सेंटर का शुभांरभ किया है। इसके साथ ही उन्होंने हेल्थ, वेलनेस केंद्रों पर ओरल कैंसर स्क्रीनिंग अभियान और 35 उच्चीकृत एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों में शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज एक साथ 35 एएनएम केंद्रों का शुभारंभ हुआ है। ये सभी केंद्र उच्चस्तरीय सुविधाओं से युक्त है। इनमें मॉडर्न सुविधाओं से लैस इंफ्रास्ट्रक्च र, क्लासरूम, लैब, लैबोरेटरी और स्टाफ सब है। इनके शुरू हो जाने से एक साथ 1700 से अधिक बेटियां प्रशिक्षित होंगी। जो भी बेटियां यहां से पढ़कर निकलेंगी उन्हें स्वास्थ्य के क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर प्राप्त होगा।
योगी ने कहा कि 33 वर्ष पहले प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्च र उपलब्ध था लेकिन इन एएनएम केंद्रों को बंद कर दिया गया। जिसके कारण प्रदेश की लड़कियों को नसिर्ंग की पढ़ाई के लिए निजी सेंटरों में प्रवेश लेना पड़ता था या फिर दूसरे शहरों की ओर रुख करना पड़ता था। इससे उनके रहने खाने पर भी अतिरिक्त व्यय आता था।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र में एएनएम केंद्रों में मेरिट के साथ-साथ एंट्रेंस एग्जाम की प्रक्रिया को शामिल किया जाना चाहिए जिससे कि एडमिशन प्रक्रिया में पार्दर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री योगी कहा कि किडनी रोग से हमें बचना है तो शुगर से बचना होगा और शुगर से बचने के लिए हमें तनाव से बचना होगा। इसके लिए जागरूक रहने के साथ ही लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किडनी से सम्बंधित रोगों के इलाज में डायलिसिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत हम पहले से ही राज्य के 65 जिलों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। 3 और डायलिसिस केंद्रों के उद्घाटन के साथ ही यह सुविधा राज्य के 68 जिलों में विस्तारित की जा रही है। जबकि शेष जिलों में, परियोजना प्रक्रियाधीन है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ये संभव है कि सभी 75 जिलों में नेफ्रोलॉजिस्ट या किडनी विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हो सकते, लेकिन फिजिशियन हर जगह उपलब्ध हैं। इन फिजिशियन को प्रशिक्षित किया जा सकता है और तकनीशियनों को भी तैनात किया जा सकता है । इसके साथ ही डायलिसिस सेंटर को पीपीपी मॉडल पर भी संचालित किया जा सकता है।
--आईएएनएस
विकेटी/एएनएम