ट्विन टावर ध्वस्त होने पर तीन से चार दिनों तक हवा में बने रहेंगे छोटे कण
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विपुल सिंह नें बताया, इमारत गिरने के बाद दो तरह की धूल हवा में उड़ेगी। धूल के मोटे कण तुरंत जमीन पर गिर जाएंगे लेकिन जो छोटे छोटे कण होंगे वह हवा में लम्बे वक्त तक रहेंगे क्यूंकि हवा भी चल रही है। धूल के छोटे छोटे कण अगले तीन से चार दिनों तक दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में बने रहेंगे। यदि हवा की गति तेज होती है तो उससे कम समय में के लिए रहेंगे।
वहीं बारिश पड़ती है तो यह जल्द सामन्य हो सकती है। लोगों को इससे बचने के लिए मास्क पहनने की जरूरत होगी, क्यूंकि यह गंभीर होंगे। सीमेंट के छोटे छोटे कण जो दिखते नहीं है वह इंसान को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लंग्स में जाकर बाद में दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, ध्वस्त करने के बाद इमारत का जो मलबा है उसको ढोने में भी वक्त लगेगा और ट्रकों के माध्यम से जब ले जाएगा उसमें भी यह देखना होगा की ट्रकों को सही तरिके से ढक कर ले जाया जा रहा है या नहीं।
इस इमरात को गिराने में 17 करोड़ रुपये खर्च का बोझ बिल्डर उठाएगा, वहीं देश के रियल स्टेट में पहला ऐसा किस्सा होगा जो इतिहास में दर्ज होने जा रहा है।
विध्वंस से पहले फाइनल ट्रिगर बाक्स से कनेक्ट किया जाएगा। 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट होगा और इमारत जमींदोश हो जाएगी। इमारत को गिराये जाने के लिए ट्विन टॉवर स्तिथ लोगों को दूसरी सोसाइटी में पनाह दी गई है, सुपरटेक के एमरोल्ड सोसाइटी से सभी लोगों नें अपना मकान खाली कर कर दिया है।
--आईएएनएस
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