केदारनाथ धाम: भीमबली-गौरीकुंड के बीच बोल्डर गिरने से यात्रा मार्ग टूटा, यात्रियों को किया जा रहा सतर्क

रुद्रप्रयाग, 20 जून (आईएएनएस)। इस बार की चारधाम यात्रा में केदारनाथ यात्रियों की, मौसम और प्रकृति खूब परीक्षा ले रही है। बरसात सीजन शुरू होने से पहले ही केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मुसीबतें टूट रही हैं। मंगलवार को भीमबली और गौरीकुंड के बीच बोल्डर गिरने से केदारनाथ यात्रा मार्ग टूट गया है। रिस्क लेकर केदारनाथ यात्रियों को आवागमन कराया जा रहा है।
 
रुद्रप्रयाग, 20 जून (आईएएनएस)। इस बार की चारधाम यात्रा में केदारनाथ यात्रियों की, मौसम और प्रकृति खूब परीक्षा ले रही है। बरसात सीजन शुरू होने से पहले ही केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मुसीबतें टूट रही हैं। मंगलवार को भीमबली और गौरीकुंड के बीच बोल्डर गिरने से केदारनाथ यात्रा मार्ग टूट गया है। रिस्क लेकर केदारनाथ यात्रियों को आवागमन कराया जा रहा है।

जी हां, केदारनाथ पैदल मार्ग भीमबली के पास क्षतिग्रस्त हो गया है। भीमबली से गौरीकुंड की तरफ 200 मीटर के करीब पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के ²ष्टिगत लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट करके लगातार सतर्क किया जा रहा है।

बारिश के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग के भीमबली यात्रा पड़ाव के निकट पहाड़ी से भारी मात्रा में बोल्डर गिर गये। बोल्डर गिरने के कारण पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि बोल्डर गिरते समय कोई भी यात्री आवाजाही नहीं कर रहा था। मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण कुछ देर के लिये यात्रा को भी रोकना पड़ा।

पैदल मार्ग पर तैनात पुलिस, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने ही बोल्डर हटाये और आवाजाही शुरू करवाई। हालांकि, क्षतिग्रस्त स्थान पर खतरा बरकरार है। यहां पर लगातार निगरानी की जा रही है। एक-एक यात्री और घोड़े-खच्चर को रास्ता पार करवाया जा रहा है। यात्रियों की सुरक्षा के लिये यहां पर सुरक्षा जवान भी तैनात किये गये हैं।

एहतियात बरतते हुए केदारनाथ के तीर्थयात्री इस मार्ग पर सावधानी से निकाले जा रहे हैं। केदारनाथ यात्रियों को एक-एक करके इस जोखिम भरे रास्ते से पार कराया जा रहा है। ऊपर पहाड़ी से बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है। इसलिए, ऊपर नजर रखते हुए ही यात्रियों को रास्ते में आवागमन कराया जा रहा है। बीच-बीच में घोड़े खच्चर सवारों को रोका भी जा रहा है। पैदल चल रहे केदारनाथ के तीर्थयात्रियों को रास्ता पार कराने के बाद फिर थोड़ी देर के लिए घोड़ा-खच्चर सवार तीर्थयात्रियों को निकलने दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि अभी मॉनसून नहीं आया है। जब मॉनसून की बारिश होगी तो इन पहाड़ी रास्तों पर यात्रा और भी जोखिम भरी हो जाएगी। इस बार केदारनाथ यात्रा अन्य सालों की अपेक्षा ज्यादा जोखिम भरी रही है। इसके बावजूद अब तक रिकॉर्ड 10 लाख श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। तीर्थ यात्रियों का हुजूम अभी भी केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए उमड़ा हुआ है।

--आईएएनएस

स्मिता/एबीएम