उपराष्ट्रपति ने जजों को सार्वजनिक रूप से निशाना बनाने की हाल की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की

नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। सार्वजनिक डोमेन में न्यायाधीशों को लक्षित करने के लिए बढ़ती दुर्भाग्यपूर्ण और हानिकारक प्रवृत्ति की निंदा करते हुए, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि न्यायाधीशों की गरिमा और न्यायपालिका के लिए सम्मान अनुल्लंघनीय है क्योंकि ये शासन के मूल सिद्धांत हैं।
 
नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। सार्वजनिक डोमेन में न्यायाधीशों को लक्षित करने के लिए बढ़ती दुर्भाग्यपूर्ण और हानिकारक प्रवृत्ति की निंदा करते हुए, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि न्यायाधीशों की गरिमा और न्यायपालिका के लिए सम्मान अनुल्लंघनीय है क्योंकि ये शासन के मूल सिद्धांत हैं।

धनखड़ ने कहा, न्यायाधीशों का सम्मान महत्वपूर्ण है और कानून के शासन और संवैधानिकता के मूलभूत हिस्सों में से एक है। सार्वजनिक डोमेन में व्यक्तिगत न्यायाधीशों को लक्षित करने की हालिया दुर्भाग्यपूर्ण, हानिकारक प्रवृत्ति अनुकरणीय नियंत्रण की मांग करती है।

धनखड़ उन्हें सम्मानित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित एक समारोह में अपने संबोधन के दौरान यह टिप्पणी कर रहे थे।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र न्याय प्रणाली लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का सबसे अच्छा तरीका है।

समारोह के दौरान, भारत के प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने भी धनखड़ की विनम्र शुरूआत के बारे में बात की।

उन्होंने कहा, वह अपने स्कूल जाने के लिए अपने गांव से छह किलोमीटर पैदल चलते थे। उन्होंने अपनी जड़ों से सीधा संपर्क बनाए रखा। सादगी और कड़ी मेहनत, जो ग्रामीण जीवन का पर्याय है, उनके निरंतर साथी हैं।

--आईएएनएस

आरएचए/एएनएम