27 अक्टूबर - जम्मू कश्मीर के भारत में विलय की 75वीं वर्षगांठ पर नेहरू के खिलाफ भाजपा का अभियान
भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कश्मीर पर नेहरू की बड़ी भूल के तहत 1947 से लेकर 1949 तक की सारी घटनाओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि 27 अक्टूबर, 1947 के दिन कश्मीर और भारत के बीच विलय तो हुआ, लेकिन नेहरू की एक गलती आज तक भारत को सालती है। एक ऐसी गलती जिसके लिए भारतीयों ने 75 साल तक खून बहाया। 27 अक्टूबर का यह दिन, कश्मीर को भारत में एकीकृत करने में नेहरू की भयानक गलतियों की 75वीं वर्षगांठ है। वर्ष 1947 से लेकर 1949 तक की नेहरू की पांच ऐतिहासिक भूल का जिक्र करते हुए भाजपा ने आरोप लगाया कि भारत में जम्मू कश्मीर के पूर्ण एकीकरण को रोककर, धारा 370 की व्यवस्था कर नेहरू ने राज्य को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अग्रभूमि के रूप में तैयार कर दिया जिसका खामियाजा आगे चलकर इसे दशकों तक भुगतना पड़ा।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने नेहरू की इन पांच ऐतिहासिक भूल को लेकर एक लेख लिखा और इसके जरिए यह बताने की कोशिश की जवाहर लाल नेहरू की इन गलतियों का खामियाजा 75 सालों तक देश को उठाना पड़ा।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित भाजपा के कई अन्य दिग्गज नेताओं, केंद्र सरकार के मंत्रियों और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कश्मीर नीति को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को घेरना शुरू कर दिया।
दरअसल, जम्मू कश्मीर हमेशा से ही एक राज्य विशेष नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा ही माना जाता रहा है। देश के लगभग सभी राज्यों की एक बड़ी आबादी जम्मू कश्मीर के बारे में सोचती है और बात करती हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि कश्मीर के एकीकरण को लेकर नेहरू और कांग्रेस के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ही जहां एक तरफ मतदाताओं को संदेश देना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को डिफेंसिव मोड में भी ले जाना चाहती है।
--आईएएनएस
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