कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने के लिए बीजद की आलोचना की
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सस्ता राजनीतिक लाभ पाने के लिए खुद भवन का उद्घाटन करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, नए संसद भवन का उद्घाटन भारत की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को ठेस न पहुंचे और लोगों के जनादेश की अनदेखी न हो।
मिश्रा ने कहा कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मुर्मू को अपनी बहन और मिट्टी की आदिवासी बेटी बताया था और उनकी उम्मीदवारी की पैरवी की थी।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, अब उनकी बहन, आदिवासी बेटी और ओडिशा के लिए उनका प्यार कहां है।
उन्होंने कहा, इस फैसले से नवीन ने साबित कर दिया है कि वह हमेशा मोदी की इच्छा का पालन करेंगे। मैं उनके फैसले की निंदा करता हूं, जो संवैधानिक प्रथाओं और ओडिशा के खिलाफ है।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजद के वरिष्ठ विधायक अमर प्रसाद सत्पथी ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री का फैसला बहुत स्पष्ट है। हमारे सभी सांसद नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होंगे। हम संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करते हैं। हमारे संविधान ने संसद को विशेष महत्व दिया है। इसलिए, हमें कम से कम उद्घाटन के दिन राजनीति नहीं करनी चाहिए।
सत्पथी ने कहा कि इसके अलावा आमंत्रित करना या न करना लोकसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है। इसलिए, सभी को अध्यक्ष के फैसले का पालन करना चाहिए।
बीजद नेता ने कांग्रेस पर ऐसे मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया जो मुद्दा है ही नहीं। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कांग्रेस की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने के बीजद के फैसले का स्वागत किया है।
प्रधान ने कहा, किसी एक पार्टी ने नहीं बल्कि सभी ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। हमारी अलग-अलग विचारधाराएं और राजनीतिक विचार हो सकते हैं। लेकिन लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को इस अवसर पर शामिल होना चाहिए। मैं बीजद के फैसले का स्वागत करता हूं।
--आईएएनएस
एकेजे