हल्द्वानी – इन 8 महिलाओं के कार्यों से मिली देवभूमि को विशेष पहचान , पढ़िए प्रभावशाली महिलाओं की पूरी कहानी

हल्द्वानी – महिला दिवस स्पेशल – हर दिवस को मनाने के लिए कुछ न कुछ कारण जरूर होंते हैं। ऐसा ही दिवस है अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस। इस दिन महिलाओं के अधिकारों को लेकर उनको जागरूक किया जाता है । इस वीडियो में आज उत्तराखंड की ऐसी ही 8 प्रभावशाली महिलाओं की बात करेंगे। जोकि आत्मनिर्भर
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हल्द्वानी – इन 8 महिलाओं के कार्यों से मिली देवभूमि को विशेष पहचान , पढ़िए प्रभावशाली महिलाओं की पूरी कहानी

हल्द्वानी – महिला दिवस स्पेशल – हर दिवस को मनाने के लिए कुछ न कुछ कारण जरूर होंते हैं। ऐसा ही दिवस है अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस। इस दिन महिलाओं के अधिकारों को लेकर उनको जागरूक किया जाता है । इस वीडियो में आज उत्तराखंड की ऐसी ही 8 प्रभावशाली महिलाओं की बात करेंगे। जोकि आत्मनिर्भर तो हैं ही उनकी कार्यकुशलता से वह अब देश भर में अपनी अलग छाप छोड़ रही हैं। जो कभी रुकी नहीं और न ही कभी थकी हैं।सन 1908 में इस दिन को पहली बार सेलिब्रेट किया संयुक्त राष्ट्र संघ ने।

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सबसे पहले हम बात करेंगे

हल्द्वानी – इन 8 महिलाओं के कार्यों से मिली देवभूमि को विशेष पहचान , पढ़िए प्रभावशाली महिलाओं की पूरी कहानी

सायरा बानो की। तीन तलाक के खिलाफ कौमी सतह पर आवाज उठाने वाली देश की पहली महिला है जिसने महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक कि लड़ाई अकेले लड़ी । उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने ही पहली बार तीन तलाक बहुविवाह और निकाह हलाला पर बैन लगाने की मांग करते हुए फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी जिस पर उनकी जीत हुई थी और यह अब कानून बन गया। वर्तमान में सायरा बानो उत्तराखंड महिला आयोग की उपाध्यक्ष पद पर है जो आज भी महिलाओ पर हो रहे उत्पीड़न की लड़ाई लड़ रही है।

दूसरे no पर हैं बछेन्द्री पाल

हल्द्वानी – इन 8 महिलाओं के कार्यों से मिली देवभूमि को विशेष पहचान , पढ़िए प्रभावशाली महिलाओं की पूरी कहानी

उत्तराखंड की बछेंद्री पाल भारत की पहली वो महिला है जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल की है । सन 1984 में इन्होंने माउंटेन एवरेस्ट में फतह हासिल की। साथ ही आपको बता दे कि विश्व की ये पांचवी महिला है जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर झंडा भी लहराया था । साथ ही इन्हें पदमश्री पद्भूषण और अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया है

तीसरे नंबर पर हैं इंदिरा हृदयेश

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इंदिरा हृदयेश उत्तराखंड की वर्तमान नेताप्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश । इंदिरा हृदयेश उत्तराखंड की वो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता है जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई मुकाम हासिल किए है । इंदिरा उत्तराखंड की राजनीति में कई अहम पदों में रही है उतर प्रदेश में एमएलसी ,2002 में संसदीय कार्य मंत्री , 2012 में उत्तराखंड की वित्त मंत्री , और अब नेता प्रतिपक्ष के पद में रहकर वो आम जनता की सेवा कर रही है। इंदिरा के बेहतरीन कार्यों की उनके विपक्षी भी तारीफ करते हैं। एनडी तिवारी सरकार से लेकर विजय बहुगुणा व हरीश रावत की सरकार में इंदिरा हृदयेश हमेशा नम्बर दो की हैसियत में रही है ।

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5 वे नंबर पर हैं दिव्य रावत

हल्द्वानी – इन 8 महिलाओं के कार्यों से मिली देवभूमि को विशेष पहचान , पढ़िए प्रभावशाली महिलाओं की पूरी कहानी

दिव्य रावत देश मे मशरूम गर्ल के नाम से जा जाती हैं। दिव्या रावत देहरादून की रहने वाली है जिन्होंने मशरूम की खेती कर न केवल अपने को रोजगार से जोड़ा है बल्कि आज प्रदेश में हजारों लोगों को मशरूम की अन्तराष्ट्रीय स्तर की खेती कर तकनीक बताकर एक बड़ा नाम कमाया है। दिव्या रावत को केंद्र सरकार के उर्वरक मंत्रालय में फर्टिलाइजर एडवाइजरी फोरम (FAF) का सदस्य सलाहकार नियुक्त किया गया है। मशरूम कार्ल दिव्या की इस पहल के पीछे उत्तराखंड से पलायन को रोकना है ।

5 वे नंबर पर हैं एकता बिष्ट

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एकता बिष्ट भारत  की एक अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। एकता बिष्ट उत्तराखंड की पहली महिला हैं जिन्होंने भारत का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मैदान में प्रतिनिधित्व किया। वे ज़िला अल्मोड़ा से हैं और क्रिकेट में शानदार बोलिंग और कभी कभी विकेट कीपिंग भी करतीं हैं। एकता बिष्ट एक दिवसीय अंतररास्ट्रीय और ट्वेंटी ट्वेंटी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं।

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6 नंबर पर हैं सुमन गवानी

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सुमन ने आर्मी में बेटियों के लिए राह खोली है तब से जल, थल और नभ तीनों सेनाओं में पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड की बेटियां अपना परचम लहरा रही है । ऐसी ही एक बेटी है मेजर सुमन गवानी। जिन्हें भारतीय सेना ने अपने विशेष प्रदर्शन के चलते संयुक्त राष्ट्र के प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया। मेजर सुमन गवानी उत्तराखंड टिहरी जिले के पोखर गांव की रहने वाली है । ये देश की वो पहली महिला है जिन्हें 2019 में संयुक्त राष्ट्र के जेंडल एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया है ।

7 नंबर में है उर्वसी रौतेला

हल्द्वानी – इन 8 महिलाओं के कार्यों से मिली देवभूमि को विशेष पहचान , पढ़िए प्रभावशाली महिलाओं की पूरी कहानी

उर्वशी रौतेला का जन्म नैनीताल उत्तराखंड में हुआ है । उन्होंने अपने स्कूली दिनों के दौरान ही मॉडलिंग करना शुरू कर दिया था।  उन्होंने महज 17 साल की उम्र ने ही मिस यूनिवर्स इंडिया का ताज अपने नाम कर लिया था।  2011 में उन्हें मिस टूरिस्ज्म क्वीन ऑफ़ द ईयर का ख़िताब दिया गया।  वह 2011 में मिस एशियन सुपर मॉडल का ख़िताब भी अपने नाम कर चुकी हैं।

आठवीं महिला हैं बसंती बिष्ट

हल्द्वानी – इन 8 महिलाओं के कार्यों से मिली देवभूमि को विशेष पहचान , पढ़िए प्रभावशाली महिलाओं की पूरी कहानी

उत्तराखंड के अनेक मौके पर देवी देवताओं की पूजा जागर के जरिये की जाती है। इस परंपरा को आगे बढ़ाया है उत्तराखंड की जागर गायिका बसंती बिष्ट ने जिन्होंने पूरे भारत को उत्तराखंड की जागर का महत्व भी बताया है । यही वजह रही कि उत्तराखंड की पारंपरिक लोक संस्कृति को संजोने के लिए उन्हें 26 जनवरी 2017 को पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया है ।
बसंती बिष्ट को पदमश्री के साथ ही तीलू रौतेली पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है । यही नही जागर और उत्तराखंड की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए दुनियाभर में पहचान दिलाने वाली बसंती बिष्ट का नाम प्रदेश की पहली प्रोफेशनल महिला जागर गायिका होने का भी रिकॉर्ड है ।