देहरादून- देवभूमी के इस लाल को वीरता के लिए मिले कई सम्मान, देश की रक्षा को त्यागे प्राण

मोहन चंद शर्मा दिल्ली पुलिस के एक विशेष कक्ष निरीक्षक थे, जो 2008 में नई दिल्ली में हुए बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए। मोहन मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहले वाले थे। उनका जन्म 23 सितंबर 1965 को अल्मोड़ा के चौखुटिया में हुआ। वह 1989 में दिल्ली पुलिस में बतौर सब-इंस्पेक्टर
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देहरादून- देवभूमी के इस लाल को वीरता के लिए मिले कई सम्मान, देश की रक्षा को त्यागे प्राण

मोहन चंद शर्मा दिल्ली पुलिस के एक विशेष कक्ष निरीक्षक थे, जो 2008 में नई दिल्ली में हुए बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए। मोहन मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहले वाले थे। उनका जन्म 23 सितंबर 1965 को अल्मोड़ा के चौखुटिया में हुआ। वह 1989 में दिल्ली पुलिस में बतौर सब-इंस्पेक्टर भर्ती हुए और 1995 में इंस्पेक्टर बने। अपने सर्विसकाल में मोहन कई बड़े पुलिस स्पेशल टास्क में शामिल रहे।

2020 में मिला गैलेंटरी अवॉर्ड

फरवरी 2007 में दिल्ली के डीडीयू मार्ग पर एक मुठभेड़ के बाद चार जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों की गिरफ्तारी में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह 2006 में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक, अबू हमजा की मुठभेड़ में भी शामिल थे। दिल्ली में 2008 में हुए विस्फोटों से जुड़े आतंकवादियों से नई दिल्ली

देहरादून- देवभूमी के इस लाल को वीरता के लिए मिले कई सम्मान, देश की रक्षा को त्यागे प्राण

के जामिया नगर में बटला हाउस मुठभेड़ में शर्मा के शरीर में कई गोलियां लगी और खून ज्यादा बहने से 19 सितंबर 2008 को उनकी मृत्यु हो गई। उनकी वीरता के लिए उन्हें भारत सरकार ने सात बार वीरता पदक सम्मान दिया। 2009 में उन्हें अशोक चक्र से भी सम्मानित किया गया। 2020 में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को गैलेंटरी अवॉर्ड दिया गया।