देहरादून- उत्तराखंड के इस कलाकार ने गढ़वाली गीतों को दिलाया अलग मुकाम, बॉलीवुड सिंगर भी हुए कायल

उत्तराखंड के नौजवानों ने हर स्तर पर अपने हुनर की छाप छोड़ी है। फिर चाहे बात छोटे पर्दे की हो या बड़े पर्दे की या फिर संगीत की हर क्षेत्र में देवभूमि के कलाकारों ने अपने लोहा मनवाया है। संकल्प खेतवाल ने भी अपने गढ़वाली गानों से उत्तराखंड के लोगों को अपना दीवाना बनाया है।
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देहरादून- उत्तराखंड के इस कलाकार ने गढ़वाली गीतों को दिलाया अलग मुकाम, बॉलीवुड सिंगर भी हुए कायल

उत्तराखंड के नौजवानों ने हर स्तर पर अपने हुनर की छाप छोड़ी है। फिर चाहे बात छोटे पर्दे की हो या बड़े पर्दे की या फिर संगीत की हर क्षेत्र में देवभूमि के कलाकारों ने अपने लोहा मनवाया है। संकल्प खेतवाल ने भी अपने गढ़वाली गानों से उत्तराखंड के लोगों को अपना दीवाना बनाया है। संकल्प ने म्यूजिक शो ‘राइजिंग स्टार’ में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा और पूरे देश को पहाड़ी प्रतिभा से रूबरू करवाया। इसके अलावा भी वे कई म्यूजिक शो का हिस्सा बन चुके है।

देहरादून- उत्तराखंड के इस कलाकार ने गढ़वाली गीतों को दिलाया अलग मुकाम, बॉलीवुड सिंगर भी हुए कायल

उत्तराखंड के देवता के नाम पर रखा बैंड का नाम

संकल्प खेतवाल का जन्म 12 मार्च 1995 को उत्तराखंड के उत्तरखाशी में हुआ। उनकी स्कूली शिक्षा देहरादून से पूरी हुई। जिसके बाद यही से उन्होंने संगीत महाविद्यालय से संगीत सीखा। 2014 में उनकी पहली कैसेट ‘मैना स्याली’ रिलीज हुई, जो काफी हिट रही। वही 2016 में “बाजुली रे” एलबम लॉन्च हुई। इसके अलावा वह कई गीतों को अपनी सुरीली आवाज में गा चुके है। सकंल्प अक्सर बड़े मंचों में गढ़वाली गानों को गाते है। अपने बैंड का नाम भी उन्होंने उत्तराखंड के देवता के नाम पर रखा है।